अगर 10 सेकंड सांस रोकने में हैं सक्षम तो नहीं हैं कोरोना वायरस के मरीज? WHO ने बताई सच्चाई

सोशल मीडिया पर कोरोना को लेकर की तरह की अफवाहें फैल रही हैं.

1/5

अफवाह: 10 सेकंड तक सांस रोकने वाले को कोरोना नहीं

सोशल मीडिया पर एक अफवाह तेजी से फैलाई जा रही है कि अगर कोई व्यक्ति 10 सेकंड तक अपनी सांस को रोक लेता है तो उसे कोरोना वायरस की बीमारी नहीं हुई है.

2/5

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक 10 सेकेंड सांस रोकने वाली अफवाह झूठी

10 सेकंड तक सांस रोकने से कोरोना का परीक्षण हो जाने वाली इस अफवाह पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) कहा कि कोरोना के सामान्य लक्षण सूखी खांसी, बुखार और थकान हैं. कोरोना से पीड़ित कुछ लोगों में निमोनिया के लक्षण भी पाए जा सकते हैं. किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस है या फिर नहीं, इस बात का पता सिर्फ लैब में टेस्ट से ही चल सकता है. 10 सेकंड तक सांस रोकने से कोरोना का परीक्षण हो जाने की बात झूठी है.

3/5

10 सेकेंड तक सांस रोकने पर खांसी न आने से कोरोना के परीक्षण का कोई संबंध नहीं

WHO ने आगे कहा कि 10 सेकेंड तक सांस रोके रखने पर खांसी नहीं आती है तो इसका बिलकुल भी ये मतलब नहीं है कि आप कोरोना से संक्रमित नहीं हैं.

4/5

हवा के जरिए नहीं फैलता है कोरोना

ये बात समझनी जरूरी है कि कोरोना वायरस हवा के जरिए नहीं फैलता है. WHO इस बात की पुष्टि कर चुका है.

5/5

सोशल डिस्टेंसिंग है जरूरी

किसी शख्स के छींकने पर उसके नाक और मुंह से निकली ड्रॉपलेट्स 1 मीटर तक जा सकती हैं इसीलिए सोशल डिस्टेंसिंग के लिए कहा गया है. सभी लोगों को कम से कम 1 मीटर की दूरी पर रहने की सलाह दी गई है.

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link