Pilotless Fighter Plane made by DRDO: चीन से बढ़ती सैन्य तनातनी और दुनिया में तेजी से खतरनाक हो रहे सुरक्षा माहौल को देखते हुए भारत तेजी से अपनी रक्षा क्षमता बढ़ाने में लगा है. अब उसने मानव रहित लड़ाकू विमान का निर्माण करके पड़ोसी पाकिस्तान पर लीड ले ली है. साथ ही वो इस तरह का विमान बनाने वाले चीन और अमेरिका समेत दुनिया के कुछेक देशों के इलीट क्लब में भी शामिल हो गया है. डीआरडीओ ने इस विमान का शुक्रवार को दूसरी बार कर्नाटक के चित्रदुर्ग में बने एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में परीक्षण किया. 


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अपने आप मिशन पूरा करने में सक्षम


इस विमान की खास बात ये है कि यह बिना पायलट के अपने आप ही उड़ान भर सकता है और अपने आप ही जमीन पर लैंडिंग कर सकता है. इस विमान में खतरनाक मिसाइल और बम फिट किए जा सकते हैं और यह अपने टारगेट को हिट करके वापस आ सकता है. यह अपने मिशन को बिना किसी बाहरी मदद के खुद ही अंजाम दे सकता है. 


भारत ने बनाया स्वदेशी पायलट रहित प्लेन


डीआरडीओ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके कहा, इस परीक्षण को कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया. यह प्लेन पूरी तरह से ऑटोनॉमस मोड में संचालित हुआ था. इस दौरान प्लेन ने खुद ही उड़ान भरी और फिर आसमान में काफी देर तक गोते लगाने के बाद वह खुद ही नीचे रनवे पर लैंड कर गया. इस पायलट रहित प्लेन को डीआरडीओ की रिसर्च लेबोरेट्री एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ADE) ने विकसित किया है. 


अब तक हो चुके हैं 6 ट्रायल


माना जा रहा है कि इस पायलट रहित विमान के सफल परीक्षण के बाद रक्षा मामलों में आत्मनिर्भरता हासिल की दिशा में भारत एक कदम और आगे बढ़ गया है. इस विमान के परीक्षण के बाद अगले कुछ समय में इसे सेनाओं को ट्रायल के लिए सौंपा जा सकता है. इस प्लेन का पहली बार ट्रायल इसी साल 1 जुलाई को हुआ था. अब तक इसके 6 ट्रायल हो चुके हैं. इस प्लेन की बहुत सारी खूबियों को गुप्त रखा गया है.


इलीट क्लब में शामिल हुआ भारत


तेज स्पीड में उड़ते पायलट रहित लड़ाकू विमानों को कंट्रोल करने की तकनीक दुनिया में कुछ ही देशों के पास है. भारत अब तक इस तकनीक से महरुम था लेकिन डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने अपने दम पर स्वदेशी तकनीक विकसित करके आखिर बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है. अब चीन के दुस्साहस करने पर भारत चीन के अंदरुनी हिस्सों में घुसकर जबरदस्त पलटवार कर सकता है. इस विमान को कोई क्षति पहुंचने की दशा में पायलट की जान जाने या उसे बंधक बनाए जाने का खतरा भी नहीं होगा. 


दुश्मन के लिए उड़ता हुआ काल


डीआरडीओ ने बताया कि इस प्लेन को स्वदेशी रूप से विकसित हल्के कार्बन प्रीप्रेग मिश्रित सामग्री के साथ डिजाइन और निर्मित किया गया है. यह ग्राउंड रडार की मदद के बिना खुद ही अपने आप उड़कर दुश्मन पर कहर ढा सकता है. इस विमान में भारतीय जीपीएस गगन से जोड़ा गया है, जो इसे उड़ने और मिशन को सटीक तरीके से पूरा करने में मदद करता है. इसके चलते यह दुश्मन के लिए उड़ता हुआ काल माना जा रहा है.