Kolkata Doctor Rape Murder News: क्या पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी हड़ताली डॉक्टरों को मनाने में कामयाब हो गई हैं. ममता बनर्जी के बुलावे पर आज फिर डॉक्टर उनके आवास पर बैठक के लिए पहुंचे, जहां उनकी सीएम के साथ लंबी बैठक हुई.
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Kolkata Doctor Rape Murder Case: कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के रेप- मर्डर के बाद लगातार धरने पर बैठे डॉक्टरों और ममता सरकार के बीच कोई समाधान निकल सकता है. आंदोलनकारी डॉक्टरों ने आज दिन में कहा कि वे गतिरोध को दूर करने के लिए सीएम आवास पर होने वाली बैठक में भाग लेने के इच्छुक हैं. सरकार की ओर से उनकी कुछ मांगें मान लेने के बाद यह बड़ी सहमति निकलकर सामने आई. इसके बाद डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल सीएम आवास पर पहुंचा, जहां उनकी सीएम ममता के साथ लंबी बैठक हुई.
बैठक से पहले डॉक्टरों ने रखी ये मांग
सूत्रों के मुताबिक सीएम से मीटिंग से पहले हड़ताली डॉक्टरों ने मांग की कि उन्हें वार्ता की कार्यवाही रिकॉर्ड करने और बैठक के विवरण पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी जानी चाहिए. राज्य सरकार ने इस शर्त को तुरंत स्वीकार कर लिया. मुख्य सचिव मनोज पंत ने कहा कि दोनों पक्ष बैठक के विवरण पर हस्ताक्षर करेंगे तथा स्पष्टता के लिए इसकी प्रतियां एक-दूसरे को दी जाएंगी. इससे पहले दिन में, सरकार ने आरजी कर अस्पताल मामले में जारी गतिरोध को दूर करने के लिए आज ‘पांचवीं और आखिरी बार’ प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को बातचीत के लिए बुलाया.
यह पांचवी और आखिरी बार निमंत्रण- मुख्य सचिव
प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को भेजे ईमेल में मुख्य सचिव मनोज पंत ने उन्हें सोमवार को शाम पांच बजे बातचीत के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास पहुंचने को कहा. उन्होंने लिखा, ‘यह पांचवीं और आखिरी बार है, जब हम माननीय मुख्यमंत्री एवं प्रतिनिधियों के बीच बैठक को लेकर आपसे संपर्क कर रहे हैं. परसों (शनिवार को) हुई हमारी चर्चा के अनुरूप, हम एक बार फिर आपको मुख्यमंत्री के साथ उनके कालीघाट स्थित आवास पर बैठक के लिए खुले मन से चर्चा के लिए आमंत्रित कर रहे हैं.’
#WATCH | Kolkata, West Bengal: Junior doctors from RG Kar Medical College and Hospital leave from the premises to attend the meeting with CM Mamata Baernjee at her residence. pic.twitter.com/06ZkaOqedw
— ANI (@ANI) September 16, 2024
'हम देश के कानून का पालन करने वाले नागरिक'
शाम में ई-मेल का जवाब देते हुए प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा, ‘देश के कानून का पालन करने वाले नागरिक होने के नाते हम इस बैठक में शामिल होने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. लेकिन अगर बैठक का स्थान आधिकारिक और प्रशासनिक होता, तो यह वास्तव में सराहनीय होता, क्योंकि मामला शासन से जुड़ा हुआ है.’
डॉक्टरों ने कहा कि आरजी कर मामले में सीबीआई द्वारा ताला पुलिस स्टेशन के ‘ओसी’ की गिरफ्तारी से बैठक की पारदर्शिता का महत्व पहले से भी अधिक बढ़ गया है. आंदोलनकारी चिकित्सकों ने कहा, ‘हम इस बात पर जोर देना चाहेंगे कि बैठक की वीडियोग्राफी दोनों पक्षों के अलग-अलग वीडियोग्राफर द्वारा की जाए. अगर आपकी तरफ से ऐसा करना संभव न हो, तो बैठक की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग डॉक्टर प्रतिनिधियों को सौंप दी जाए.
सरकार ने डॉक्टरों की मांग से जताई सहमति
डॉक्टरों ने कहा कि अगर ऐसा करना संभव न हो, तो बैठक की कार्यवाही का पूरा विवरण तैयार किया जाए तथा सभी उपस्थित लोगों द्वारा हस्ताक्षर कर बैठक के अंत में इसकी प्रतियां सौंप दी जाएं. इसके तुरंत बाद मुख्य सचिव ने जवाब देते हुए कहा कि दोनों पक्ष बैठक के विवरण पर हस्ताक्षर करेंगे और स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक पक्ष के साथ प्रतियां साझा की जाएंगी.
लोगों की सहानुभूति घटने से डॉक्टरों पर भी दबाव
इससे पहले भी सरकार ने डॉक्टरों के साथ बैठक कर समाधान निकालने की कोशिश की थी लेकिन सीधे प्रसारण को लेकर असहमति के बाद बातचीत नहीं हो पाई थी. हालांकि बंगाल के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिससे लोगों की उनके प्रति सहानुभूति घटती जा रही है. ऐसे में उन पर भी अब इस मामले में समाधान निकालने का दबाव बढ़ गया है. माना जा रहा है कि आज इस मसले पर बीच का कोई रास्ता निकल सकता है.
(एजेंसी भाषा)