PM Modi East Asia Summit: जी-20 समिट से पहले पीएम नरेंद्र मोदी 20वें आसियान-इंडिया समिट और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए बुधवार रात इंडोनेशिया रवाना हो गए. इंडोनेशिया आसियान (साउथ ईस्ट एशियाई देशों का ग्रुप) का मौजूदा अध्यक्ष है और समिट की मेजबानी कर रहा है.


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मोदी की इंडोनेशिया यात्रा इस साल भारत की अध्यक्षता में 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन से पहले हो रही है. इंडोनेशिया जी20 'ट्रोइका' का हिस्सा है, क्योंकि पिछले साल इस ग्रुप की अध्यक्षता उसके पास थी.


इंडोनेशिया रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने बुधवार को कैबिनेट बैठक में हिस्सा लिया. उन्होंने बुधवार शाम 7:30 बजे तक बैक टू बैक मीटिंग की. इसके बाद वह जकार्ता के लिए रवाना हो गए.



क्या है पीएम मोदी का प्रोग्राम


करीब 7 घंटे की फ्लाइट के बाद वह 7 सितंबर को सुबह 3 बजे जकार्ता पहुंचेंगे. इसके बाद प्रधानमंत्री सुबह 7 बजे आसियान भारत शिखर सम्मेलन स्थल के लिए रवाना होंगे और शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. सुबह 8:45 बजे वह ईस्ट एशिया समिट में हिस्सा लेंगे. बैठक के तुरंत बाद प्रधानमंत्री सुबह 11:45 बजे एयरपोर्ट से दिल्ली रवाना होंगे और शाम लगभग 6:45 बजे दिल्ली में उतरेंगे.


8 सितंबर को नई दिल्ली पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और अन्य देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्षों के साथ अहम द्विपक्षीय बैठक करेंगे.


इंडोनेशिया के लिए रवाना होने से पहले एक बयान में मोदी ने कहा, 'मैं आसियान से जुड़ी बैठकों में हिस्सा लेने के लिए जोको विडोडो के न्योते पर इंडोनेशिया जा रहा हूं. मेरा पहला कार्यक्रम 20वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन होगा. मैं आसियान नेताओं के साथ हमारी साझेदारी की भविष्य की रूपरेखा पर बातचीत करना चाहता हूं, जो अब अपने चौथे दशक में प्रवेश कर चुकी है.'



'एक्ट ईस्ट नीति का अहम पिलर'


प्रधानमंत्री ने कहा कि आसियान के साथ जुड़ाव भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति का एक अहम पिलर है. उन्होंने कहा, 'पिछले साल हुई बड़ी रणनीतिक साझेदारी ने हमारे संबंधों में नई रफ्तार ला दी है.' उन्होंने कहा कि इसके बाद वह 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.


मोदी ने कहा, 'यह प्लेटफॉर्म फूड और एनर्जी सिक्योरिटी, एनवायनमेंट, हेल्थ और डिजिटल बदलाव समेत क्षेत्र के लिए जरूरी मुद्दों पर बातचीत करने मौका है. मैं इन वैश्विक चुनौतियों से सामूहिक रूप से निपटने के लिए सहयोग के उपायों पर बाकी ईएएस नेताओं के साथ बातचीत करना चाहता हूं.'


आसियान को क्षेत्र में सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक माना जाता है और भारत और अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देश इसके भागीदार हैं. आसियान के साथ भारत के व्यापार और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने पर इस गुट के नेताओं के साथ मोदी की बातचीत का फोकस रहने की संभावना है.