नईदिल्ली/श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 30 जवान शहीद हो गए. अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह 2016 में हुए उरी हमले के बाद सबसे भीषण आतंकवादी हमला है. पुलवामा हमले की निंदा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बहादुर जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. पीएम ने कहा कि पूरा देश शहीद जवानों के परिजनों के साथ खड़ा है. 


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प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, "सीआरपीएफ कर्मियों पर हमला घृणित कृत्य है. मैं इस कायराना हमले की कड़ी निंदा करता हूं. हमारे वीर सुरक्षाकर्मियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा." प्रधानमंत्री ने कहा "मैंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह समेत अन्य शीर्ष अध्कारियों से पुलवामा अटैक के बाद हालात की जानकारी के संबंध में बात की है." उन्होंने कह कि पूरा देश वीर शहीदों के परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. उन्होंने कहा कि वह इस घटना में घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं.


केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे. इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपने काम पर वापस लौट रहे थे। जम्मू कश्मीर राजमार्ग पर अवंतिपोरा इलाके में इस काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया. पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है. उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था. हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है.


 



उन्होंने बताया कि आतंकवादी संगठन ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है. यह हमला श्रीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर हुआ है. विस्फोट में 20 से अधिक लोग घायल हो गए. धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास बिखरे क्षत-विक्षत शवों को देखा जा सकता है. सीआरपीएफ के महानिदेशक आरआर भटनागर ने बताया, "यह एक विशाल काफिला था तथा करीब 2500 सुरक्षाकर्मी विभिन्न वाहनों में जा रहे थे. काफिले पर कुछ गोलियां भी चलायी गई."