नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहा कि अगले वर्ष हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर जाएंगे, एक बहुत बड़ा पर्व हमारे सामने है. आजादी के जब 75 वर्ष पूरे होंगे तब उसे संकल्पों की मूर्ति के महापर्व के रूप में मनाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान देश के शहीदों को याद किया.


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प्रधानमंत्री ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के भाषण की शुरुआत कोरोना वारियर्स के प्रति आभार जताते हुए की. उन्होंने कहा कि कोरोना के इस असाधारण समय में 'सेवा परमो धर्म:' की भावना के साथ अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी जैसे अनेकों लोग चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं.


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुलामी का कोई कालखंड ऐसा नहीं था जब हिंदुस्तान के किसी कोने में आजादी के लिए प्रयास नहीं हुआ हो, प्राण अर्पण नहीं हुआ हो. आज जो हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों का त्याग और मां भारती को आजाद करवाने का समर्पण है, आज ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों, वीर शहीदों को नमन करने का पर्व है.


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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विस्तारवाद की सोच ने सिर्फ कुछ देशों को गुलाम बनाकर ही नहीं छोड़ा, भीषण युद्धों और भयानकता के बीच भी भारत ने आजादी की जंग में कमी और नमी नहीं आने दी.