लोकसभा चुनाव 2019: PM मोदी को लेकर कर्नाटक के CM मीडिया पर बरसे, कही ये बड़ी बात
एचडी कुमारस्वामी ने कहा, हम सुबह उठकर सिर्फ नहाते हैं, और अपना चेहरा अगले ही दिन धोते हैं. इसलिए, मीडिया सिर्फ मोदी को ही दिखाता है.
नई दिल्ली: कर्नाटक के मुख्यमंत्री एवं जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने मंगलवार को पीएम मोदी को लेकर मीडिया पर जमकर भड़ास निकाली, उन्होंने आरोप लगाया कि, 'मीडिया सिर्फ मोदी को ही क्यों दिखाता है? उन्होंने कहा कि मोदी हर सुबह उठते हैं, चेहरे पर चमक लाने के लिए मेकअप करते हैं और कैमरे के सामने आ जाते हैं. कुमारस्वामी ने कहा, हम सुबह उठकर सिर्फ नहाते हैं, और अपना चेहरा अगले ही दिन धोते हैं. इसलिए, मीडिया सिर्फ मोदी को ही दिखाता है.
कुमारस्वामी ने आगे कहा कि, 'मीडिया केवल पीएम मोदी के चेहरे को दिखाता है
ये बात कुमारस्वामी ने बेंगलूरु में चुनावी रैली के दौरान कही. वह गठबंधन सरकार के तरफ से खड़े उम्मीदवार के लिए रैली को संबोधित कर रहे थे. कुमारस्वामी ने कहा कि, कैमरे के सामने आने से पहले पीएम मोदी के चेहरे पर चमक लाने के लिए मेकअप और वैक्सिंग की जाती है. कुमारस्वामी ने आगे कहा कि, 'मीडिया केवल पीएम मोदी के चेहरे को दिखाता है और विपक्षी नेताओं को अधिक समय नहीं देता है. क्योंकि वे कैमरे पर अच्छे नहीं लगते हैं'.
वहीं जब कुमारस्वामी से कांग्रेस और जनता दल (सेकुलर) गठबंधन सरकार के अस्तित्व पर सवाल पूछा गया तो उनका जवाब था कि, गठबंधन लोकसभा चुनाव के बाद भी बना रहेगा. उन्होंने कहा, "मेरी सरकार स्थिर होगी. मुझे चिंता नहीं है.
मुझे कर्नाटक की जनता का आशीर्वाद प्राप्त है: कुमारस्वामी
मुझे कर्नाटक की जनता का आशीर्वाद प्राप्त है. यहां के लोग चाहते हैं कि कांग्रेस और हमारा गठबंधन बना रहे. इससे पहले एचडी कुमारस्वामी ने कहा था कि 2014 और 2019 में जबरदस्त फर्क है और इस बार का लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए आसान नहीं होगा.
मोदी के लिए एक कठिन चुनाव होगा: कुमारस्वामी
उन्होंने कहा था कि, 'देश के घटनाक्रम पर विचार करते हुए मैं कह सकता हूं कि यह मोदी के लिए एक कठिन चुनाव होगा.' मुख्यमंत्री ने महागठबंधन को कथित तौर पर ‘खिचड़ी’ कहने पर मोदी पर तीखा हमला किया था. उन्होंने कहा, ‘‘वह हमें खिचड़ी पार्टी कह सकते हैं लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 13 पार्टियों का गठबंधन है.’’
उन्होंने मोदी का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘अगर उन्होंने देश और उसके लोगों के विकास के लिए कुछ भी सकारात्मक काम किया होता तो उन्हें क्षेत्रीय पार्टियों के दरवाजे पर खड़ा होने की जरूरत नहीं थी.’’