देश की जीडीपी में गिरावट पर विपक्ष की ओर से किए जा रहे हमलों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पलटवार किया. विपक्ष पर हमले के लिए महाभारत के दो पात्रों का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा महाभारत काल में एक पात्र था शल्य. इसकी आदत थी कि वह सभी को हतोत्साहित करता था. आज देश के कुछ मुट्ठीभर लोग भी कुछ ऐसा ही कर रहे हैं. देश की विकास दर में गिरावट पर वे खुश हो रहे हैं. हमें ऐसे लोगों से बचना है. ऐसे लोगों को हतोत्साहित किए बिना रात को नींद नहीं आती है. ये हमेशा कहते रहते हैं ये कैसे होगा, कौन करेगा आदि.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अपने भाषण में पीएम मोदी ने महाभारत काल की एक और पात्र दुर्योधन का जिक्र किया. पीएम ने कहा कि कई बार एक ही शिक्षा ग्रहण करने के बावजूद लोग उसका अलग-अलग अर्थ लगा लेते हैं. महाभारत में युद्धिष्ठर और दुर्योधन ने एक साथ शिक्षा ग्रहण की थी, लेकिन दोनों की सोच में काफी अंतर रहा. दुर्योधन ने कहा कि ऐसा नहीं है कि मुझे धर्म और अधर्म को नहीं जानता, लेकिन धर्म पर चलना मेरी प्रवृत्ति नहीं बन पाई और अधर्म को छोड़ नहीं पाया. ऐसे ही आप लोगों को सही दिशा में ले जाने की राह दिखाते हैं. देश में पारदर्शिता और ईमानदारी को संस्थागत करने में आपके संस्थान की बड़ी भूमिका है.'


ये भी पढ़ें: PM नरेंद्र मोदी बोले, पिछली सरकार में 8 बार GDP 5.7 फीसदी से नीचे गिरी


भाषण के अगले हिस्से में पीएम मोदी ने कहा, 'आचार्य चाणक्य ने कहा है- जैसे पूरे वन में अगर एक ही वृक्ष में आग लग जाए तो पूरा वन जल जाता है. परिवार में कोई एक गड़बड़ हो जाए तो पूरे परिवार की मर्यादा धूल में मिट जाती है. ये बात संस्था और देश के लिए भी शत-प्रतिशत लागू होती है. देश में मुट्ठीभर लोग ऐसे हैं जो प्रतिष्ठा और ईमानदार सामाजिक व्यवस्था को कमजोर करने का काम करते हैं. इन लोगों को हटाने के लिए सरकार ने पहले ही दिन से स्वच्छता अभियान शुरू किया हुआ है.'


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कंपनी सेक्रेटरीज (ICSI) के कार्यक्रम में कहा कि जीएसटी से करोबार को हुए नुकसान पर उनकी नजर है. जरूरत पड़ने पर इसमें सुधार की गुंजाइश है.