नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना के दोषी वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने सजा के तौर पर एक रुपये की जुर्माना राशि सोमवार को जमा कर दी. लेकिन उनके तीखे तेवर अब भी बरकरार हैं. भूषण ने कहा कि, 'जुर्माना जमा करने का यह मतलब नही है कि हमको सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वीकार है, हम आज ही इस मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर रहे है'


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जुर्माना राशि जमा करने के बाद भूषण ने कहा कि एक सच्चाई कोष बनाया जा रहा है. जिसका पैसा उनके लिए इस्तेमाल होगा, जो सरकार के खिलाफ बोलने के कारण परेशान किए जा रहे हैं. प्रशांत भूषण ने कहा कि भारत मे आज अभिव्यक्ति की आज़ादी खतरे में हैं. 


उन्होंने कहा कि जो लोग सरकार के खिलाफ बोलते है, उनका मुँह बंद करने के लिए हर तरह का हथकंडा अपनाया जा रहा है. भूषण ने यह भी कहा कि सरकार के खिलाफ बोलने की वजह से ही उमर खालिद को गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही सीतराम येचुरी और दूसरे नेताओं को परेशान किया जा रहा है.


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