Bihar Politics: दो अक्टूबर को जन सुराज के संस्‍थापक प्रशांत किशोर बिहार में नई राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा करने वाले हैं. वे एक राजनीतिक दल के रूप में अपनी पार्टी को कैसे सरजमीं पर उतारते हैं, यह देखने वाली बात होगी लेकिन इससे पहले वो अपने कुनबे को बढ़ाने में जुटे हैं. इसके अलावा जातीय समीकरण साधते हुए उन्होंने साफ संदेश दे दिया है कि वे जनसंख्या के हिसाब से भागीदारी भी देंगे. इसके बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है. करीब दो साल से जन सुराज पदयात्रा कर रहे चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के जिलों, प्रखंडों और गांवों तक का दौरा कर अब राजनीतिक पार्टी बनाने और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरने की घोषणा कर दी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गौर करने वाली बात है कि किशोर अपनी पदयात्रा के दौरान अपना कुनबा भी बढ़ाते रहे. राजद, जदयू, भाजपा सहित कई राजनीतिक दलों के जमीनी स्तर के नेता से लेकर जिला स्तर के नेताओं को पार्टी से जोड़ा.
प्रशांत किशोर ने सभी जातियों की भागीदारी सुनिश्चित करने को लेकर सामान्य, ओबीसी, मुस्लिम आदि सभी समुदाय को नेतृत्व देने की घोषणा कर दी है. जिस वर्ग की जितनी संख्या है, उस वर्ग के उतने लोग जन सुराज का नेतृत्व करने वाली 25 सदस्यीय समिति में शामिल होंगे. यही सामाजिक प्रतिनिधित्व जन सुराज की सभी समितियों और टिकट वितरण में भी सुनिश्चित किया जाएगा. इस घोषणा के अलावा सामान्य शैक्षणिक योग्यता की भी बात कही गई है.


देवेंद्र फडणवीस बन सकते हैं बीजेपी के नए राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष? पिछले दिनों फैमिली संग PM मोदी के साथ की मुलाकात 


राजनीति के जानकार अजय कुमार कहते हैं कि बिहार की सियासत पर जातियों का गहरा प्रभाव रहा है. प्रशांत किशोर चुनावी रणनीतिकार रहे हैं और बिहार के गांव-गांव घूम कर इस बात को अच्छी तरह समझते हैं. यही कारण है कि जाति पर ही आधारित फॉर्मूला को लेकर वो सामने आ रहे हैं. राजनीतिक दल बिहार में जनसंख्या के हिसाब से भागीदारी की बात करते हैं लेकिन उतनी हिस्सेदारी नहीं दे पाते. किशोर ने यही चाल चली है. जनसंख्या के अनुपात के आधार पर उनकी पार्टी अपने प्रत्याशी उतारेगी. वे कहते हैं कि इस फॉर्मूला से अन्य राजनीतिक दलों पर प्रभाव पड़ना लाजिमी है, लेकिन कितना प्रभाव पड़ेगा यह कहना अभी जल्दबाजी है. जन सुराज के एक नेता ने कहा कि बिहार में सबसे ज्यादा 35 प्रतिशत अति पिछड़ा समाज है तो उसे विधानसभा की 243 के 35 फीसदी सीटों पर यानी 75 से अधिक सीटें दी जाएंगी. उसी फॉर्मूले के तहत सीटों की हिस्सेदारी दी जाएगी. 


'चच्‍चा-गच्‍चा' पर खुल गया 'राज', जब शिवपाल ने CM से कहा- 3 साल आपके भी संपर्क में रहा...


राजेडी ने साधा निशाना
जन सुराज के इस फार्मूले से सबसे ज्यादा बेचैन राजद दिख रहा है. वह जन सुराज को भाजपा की बी टीम बता रही है. राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि प्रशांत किशोर ये सारी कवायद भाजपा के लिए कर रहे हैं जिससे वो भारी मुनाफा कमाते हैं. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर का कोई वजूद बिहार में नहीं है. बिहार की जनता सबको पहचानती है और समय आने पर उसका बखूबी जवाब भी देती है.


(इनपुट: एजेंसी आईएएनएस)