नई दिल्ली: देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के विषय पर बुधवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सभी पार्टियों के अध्यक्षों के साथ उनकी बैठक अच्छी रही. प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, "राष्ट्रीय महत्व के कई मुद्दों पर चर्चा हुई. मैंने कई नेताओं को उनकी सलाहों के लिए धन्यवाद दिया."


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बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी जानकारी दी. सिंह ने कहा, "अधिकांश दलों ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के मुद्दे पर अपना समर्थन दिया, सीपीआईएम और सीपीआई ने अपनी अलग राय रखी लेकिन उन्होंने इस विचार का विरोध नहीं किया. राजनाथ ने कहा, "हमने 40 पार्टियों को सर्वदलीय बैठक में बुलाया था जिसमें से 21 पार्टियों के अध्यक्ष ने बैठक में हिस्सा लिया और अन्य 3 पार्टियों ने लिखित में अपनी राय दी." 


 


प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर सर्वसम्मति बनाने के लिए सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों की एक बैठक बुलाई थी और इसमें 40 दलों को आमंत्रित किया गया था. लेकिन 21 पार्टियां ही इस बैठक में शामिल हुई जबकि तीन ने लिखित में इस विषय पर अपने विचार साझा किए. 


 



ये पार्टियां बैठक में नहीं हुई शामिल
बैठक में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल शामिल नहीं हुईं. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा एवं राज्यों की विधानसभा के एकसाथ चुनाव कराने को लेकर भाजपा पर दोहारा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को बैठक में शामिल होने का निमंत्रण मिला था, लेकिन वह खेद प्रकट करते हुए इसमें शामिल नहीं हुए. गोगोई ने कहा, "एक राष्ट्र, एक चुनाव संविधान से जुड़ा विषय है. अगर सरकार चाहे तो चुनाव सुधार को लेकर संसद में चर्चा करा सकती है." कांग्रेस अतीत में भी ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विचार का विरोध करती आई है.