Twitter ने सरकार के आगे टेके घुटने! Resident Grievance Officer की नियुक्ति पर कही ये बात
ट्विटर ने भारत सरकार के आगे अपने घुटने टेक दिए हैं. नए आईटी नियम के तहत अब ट्विटर रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर की नियुक्ति करने में जुटा हुआ है. दिल्ली हाई कोर्ट में भी ट्विटर ने कहा कि जल्द ही ऑफिसर की नियुक्ति कर ली जाएगी.
नई दिल्ली: सोशल नेटवर्किंग कंपनी ट्विटर (Twitter) ने दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) को बताया है कि वह नए आईटी नियमों (New IT Rules) के तहत एक अंतरिम ग्रीवांस ऑफिसर (Interim Grievance Officer) और एक अंतरिम रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर (Interim Resident Grievance Officer) की नियुक्ति के अंतिम चरण में है.
सरकार के आगे झुका ट्विटर
वकील अमित आचार्य की एक याचिका के जवाब में दाखिल हलफनामे में ट्विटर ने कहा है कि भारतीय यूजर्स द्वारा उठाए गए मुद्दों को एक ग्रीवांस ऑफिसर देख रहे हैं. आचार्य ने अपनी याचिका में दावा किया था कि ट्विटर केंद्र के नए आईटी नियमों का पालन नहीं कर रहा है. ट्विटर ने यह भी कहा है कि आईटी (मध्यवर्ती संस्थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के तहत वह महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यवर्ती संस्थान (Social Media Intermediaries) की परिभाषा में आ सकता है.
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केंद्र ने फरवरी में जारी किए थे नए IT नियम
यह नियम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म समेत साइबर जगत में विषय वस्तु के प्रसार और प्रकाशन का नियमन करता है, और केंद्र सरकार (Central Government) ने फरवरी में इसे अधिसूचित किया था. ट्विटर ने कहा कि नए आईटी नियमों के नियम 3 (2) और नियम 4 (1) (सी) का समुचित अनुपालन करते हुए उसने एक अंतरिम रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर की नियुक्ति की. ट्विटर ने कहा कि हालांकि, व्यवस्था को पूरी तरह से औपचारिक रूप देने के लिए कदम उठाए जाने से पहले रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर ने 21 जून को अपना नाम वापस ले लिया और इनकार किया कि उसने मध्यवर्ती संस्थानों के लिए दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया है.
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अंतिम चरण में ICCO ऑफिसर की नियुक्ति
ट्विटर ने कहा, 'समझौते को पूरी तरह से औपचारिक रूप देने के लिए कदम उठाए जाने से पहले, अंतरिम स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी ने 21 जून को अपना नाम वापस ले लिया. इसलिए, प्रतिवादी (ट्विटर) उनके स्थान पर नियुक्ति के अंतिम चरण में है, जबकि इस बीच शिकायत अधिकारी द्वारा भारतीय उपयोगकर्ताओं की शिकायतों का समाधान किया जा रहा है.' ट्विटर ने अपने हलफनामे में कहा है, ‘इसके अलावा, प्रतिवादी एक अंतरिम चीफ कंप्लायंस ऑफिसर (ICCO) की नियुक्ति के अंतिम चरण में है.’
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'आचार्य ने समय से पहले किया कोर्ट का रुख'
अधिवक्ता आकाश वाजपेयी और मनीष कुमार के जरिए दाखिल याचिका में आचार्य ने कहा कि उन्हें कथित तौर पर गैर-अनुपालन के बारे में तब पता चला जब उन्होंने कुछ ट्वीट्स के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का प्रयास किया. ट्विटर ने दलील दी है कि अर्जी एक रिट याचिका के रूप में टिकने योग्य नहीं है और आचार्य ने नियमों के तहत अपनी शिकायत के निवारण की प्रतीक्षा किए बिना समय से पहले अदालत का रुख किया. आचार्य के पास विचाराधीन ट्वीट के संबंध में शिकायत करने का कोई अधिकार नहीं था, और उन्होंने बताया कि शिकायत पर अब विचार किया गया है और उसका निपटारा कर दिया गया है.
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