Rajiv Gandhi: राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर भावुक हुए राहुल गांधी, पिता को याद कर कही ऐसी बात
Rajiv Gandhi death anniversary: इतिहास के पन्नों में यूं तो आज 21 मई के दिन की कई बड़ी घटनाएं दर्ज हैं. इसमें एक घटना जो पूरे भारत को बड़ा झटका देने वाली थी, वह राजीव गांधी की हत्या थी. इस मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अपने पिता को याद करते हुए भावुक हो गए.
Rajiv Gandhi 31st death anniversary: आज देश के राजनीतिक इतिहास की एक बड़ी दुर्घटना घटी थी. 21 मई को आज से 31 साल पहले दक्षिण भारत के तमिलनाडु में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या (Rajiv Gandhi Assassination) हो गई थी. आज कांग्रेस पार्टी समेत पूरा देश उन्हें याद कर रहा है. इस मौके पर उनके बेटे राहुल गांधी ने भी अपने पिता को याद करते हुए अपने मन की बात दुनिया से साझा की है.
पिता को याद करके भावुक हुए राहुल
अपने पिता की 31वीं पुण्यतिथि पर कांग्रेस नेता और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट करके अपने पिता को याद किया है. राहुल गांधी ने लिखा कि उनके पिता दूरदर्शी नेता थे जिनकी नीतियों ने आधुनिक भारत को आकार देने में मदद की. बकौल राहुल गांधी वो एक दयालु और उदार शख्सियत थे. वो मेरे और प्रियंका दोनों के लिए एक अद्भुत पिता थे, जिन्होंने हमें क्षमा और सहानुभूति का मूल्य सिखाया. मुझे उनकी बहुत याद आती है...'
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राजीव गांधी की हत्या
भारत (India) के सबसे युवा प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की हत्या 21 मई 1991 को एक आतंकी हमले में हुई थी. लेकिन उसके पांच साल पहले ही अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA ने एक रिपोर्ट में उनपर हमला होने, हत्या की साजिश होने की आशंका जताई थी. इसके बाद राजीव 1989 तक प्रधानमंत्री पद पर भी रहे. 40 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले राजीव गांधी भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे और शायद दुनिया के उन युवा राजनेताओं में से एक, जिन्होंने सरकार का नेतृत्व किया था.
किस बात पर नाराज थे हत्यारे?
1991 की इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. लिट्टे (LTTE) उग्रवादियों ने श्रीलंका (Sri Lanka) में शांति सेना भेजने से नाराज होकर तमिल विद्रोहियों ने तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर (Perambadur) में राजीव गांधी पर आत्मघाती हमला किया था. जिसमें उन्होंने एक महिला का इस्तेमाल किया.
बताते चलें कि उस दौरान लोक सभा चुनाव के लिए प्रचार कर रहे राजीव गांधी के पास एक महिला फूलों का हार लेकर पहुंची थी जिसने उनके काफी करीब जाकर अपने शरीर को बम (Bomb) से उड़ा दिया. धमाका इतना जबरदस्त था कि उसकी चपेट में आने वाले ज्यादातर लोगों के मौके पर ही परखच्चे उड़ गए थे.