Rahul Gandhi: सांसद के तौर पर अयोग्य ठहराए जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं. अपराधिक मानहानि मामले में ऊपरी अदालत से यदि राहत नहीं मिली तो राहुल गांधी को एक महीने के अंदर दिल्ली स्थित अपना सरकारी बंगला खाली करना पड़ सकता है. राहुल गांधी 2004 में लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद ये बंगला उन्हें आवंटित किया गया था. 


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सूरत की एक अदालत द्वारा राहुल गांधी को 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने और दो साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय ने उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया है. सूरत की अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया है. आवासन और शहरी विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा की लोकसभा से आयोग घोषित कर दिया गया है. इसलिए राहुल गांधी सरकारी आवास के हकदार नहीं है. नियमों के अनुसार उन्हें आयोग के आदेश की तारीख से एक महीने के अंदर अपना बंगला खाली करना पड़ेगा.


2020 में प्रियंका गांधी को खाली करना पड़ा था बंगला


कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को जुलाई 2020 में लोधी एस्टेट स्थित अपना अधिकारिक बंगला खाली करना पड़ा था, क्योंकि सुरक्षा कम किए जाने के बाद वह इसके लिए पात्र नहीं थी. कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि राहुल गांधी की दोषसिद्धि और अयोग्यता के खिलाफ राजनीतिक और कानूनी लड़ाई आखिरी दम तक लड़ेंगे.


सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस पार्टी ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के लिए ये काला दिन है. लड़ाई कानूनी और राजनीतिक दोनों तरीके से लड़ी जाएगी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा ने राहुल गांधी को अयोग्य ठहराने के लिए सभी प्रयास किए, क्योंकि वह हमेशा सच बोल रहे थे. खड़गे ने आरोप लगाया कि उन्हें सच बोलने, संविधान और लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने की वजह से सदन से हटाया गया है, मगर ये लड़ाई जारी रहेगी.


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