अब राहुल गांधी की नजर.. 261 सीटों पर, कांग्रेस का शुरू हुआ `मिशन विधानसभा`
Congress: एक चुनाव खत्म होते ही अगले चुनाव की तैयारी. ये रणनीति एक समय में बीजेपी के लिए कही जाती थी. लेकिन अब इस नीति पर राहुल गांधी ने अमल तेज कर दिया है.
Rahul Gandhi News: लोकसभा चुनाव के बाद अब राहुल गांधी की नजर 261 सीटों पर है. ये 261 सीटें लोकसभा की नहीं.. और ना ही राज्यसभा की हैं. ये 261 सीटें विधानसभा की हैं. इस साल 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. राहुल गांधी अब फुल एक्शन में हैं. और तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर राहुल अभी से महामंथन में जुट गए हैं.
चुनाव खत्म होते ही अगले चुनाव की तैयारी
असल में एक चुनाव खत्म होते ही अगले चुनाव की तैयारी. ये रणनीति एक समय में बीजेपी के लिए कही जाती थी. लेकिन अब इस नीति पर राहुल गांधी ने अमल तेज कर दिया है. राहुल गांधी अभी-अभी नेता विपक्ष बने हैं..और इसके साथ ही उन्होंने आने वाले चुनावों की रणनीति भी बनानी शुरू कर दी है. अगले कुछ महीनों में राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और राहुल अपने रणनीतिकारों के साथ मिलकर उसकी तैयारी में जुट गए हैं.
जम्मू कश्मीर में चुनाव की प्लानिंग
पहला नंबर जम्मू कश्मीर का नंबर था. कांग्रेस पार्टी जम्मू कश्मीर में चुनाव की प्लानिंग पर काम कर रही है. जम्मू में कांग्रेस का शासन 16 साल पहले तक हुआ करता था..अब राहुल गांधी की कोशिश होगी कि कैसे कांग्रेस जम्मू कश्मीर में फिर से सत्ता में वापसी करे.
झारखंड और हरियाणा विधानसभा चुनाव
इससे पहले राहुल गांधी ने झारखंड और हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर भी बैठक थी. राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे राज्य के नेताओं से बात कर ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि पार्टी उन राज्यों में अकेले चुनाव लड़े या फिर गठबंधन के साथ.
- हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं
- झारखंड में 81 और जम्मू कश्मीर में 90 सीटें हैं
- इस हिसाब से 3 राज्यों में विधानसभा की 261 सीटें हैं...
- सिर्फ विधानसभा ही नहीं बल्कि अगले 4 साल में हरियाणा-झारखंड में 7 राज्यसभा सीट भी खाली होने जा रही है.
- जो भी यहां जीतेगी राज्यसभा सीट भी उसकी होगी
राज्यसभा की रणनीति पर भी काम
इसीलिए राहुल गांधी सिर्फ विधानसभा सीटें ही नहीं बल्कि राज्यसभा की रणनीति पर भी काम कर रहे हैं, ताकि राज्यसभा में NDA के समीकरण को बिगाड़ सकें. राहुल गांधी का नेता विपक्ष बनना चुनाव नतीजों के साथ ही तय हो गया था. सूत्रों की माने तो कांग्रेस चुनाव के नतीज़े आने के साथ ही तय हो गया था कि लोकसभा में विपक्ष के नेता की कमान राहुल गांधी सँभालेंगे. लेकिन इसका ख़ुलासा सही समय यानि संसद सत्र से पहले किया गया.
राहुल गांधी को विपक्ष का नेता बनाना था,ना कि सिर्फ लोकसभा में कांग्रेस का नेता बनाना. ये कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा था इसीलिए पार्टी ने ये तय किया कि संसद सत्र के दौरान जब सभी विपक्षी दल के नेता दिल्ली में मौजूद रहेंगे तो उनकी मौजूदगी में राहुल गांधी के विपक्ष के नेता पद पर मुहर लगवाई जाएगी. (Input- Zee TV)