नई दिल्ली: कई वामपंथी विचारकों, सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस की छापेमारी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि ‘न्यू इंडिया’ में एकमात्र एनजीओ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएससए) के लिए जगह है.


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बाढ़ प्रभावित केरल के दौरे पर पहुंचे गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘भारत में अब सिर्फ एकमात्र एनजीओ के लिए जगह है और वह आरएसएस है.’ उन्होंने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘दूसरे सभी एनजीओ को बंद कर दो. सभी कार्यकर्ताओं को जेल भेज दो और शिकायत करने वालों को गोली मार दो. न्यू इंडिया में स्वागत है.’



बता दें महाराष्ट्र पुलिस ने कई राज्यों में वामपंथी कार्यकर्ताओं के घरों में मंगलवार को छापा मारा और माओवादियों से संपर्क रखने के संदेह में उनमें से कम से कम पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया. वहीं, इस कार्रवाई का मानवाधिकार के पैरोकारों ने एक सुर में विरोध किया है.


पिछले साल 31 दिसंबर को एल्गार परिषद के एक कार्यक्रम के बाद पुणे के पास कोरेगांव - भीमा गांव में दलितों और उच्च जाति के पेशवाओं के बीच हुई हिंसा की घटना की जांच के तहत ये छापे मारे गए हैं. 


एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हैदराबाद में तेलुगू कवि वरवर राव, मुंबई में कार्यकर्ता वेरनन गोन्जाल्विस और अरूण फरेरा, फरीदाबाद में ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज और दिल्ली में सिविल लिबर्टीज के कार्यकर्ता गौतम नवलखा के आवासों में तकरीबन एक ही समय पर तलाशी ली गयी.


अधिकारी ने बताया कि तलाशी के बाद राव, भारद्वाज, फरेरा, गोन्जाल्विस और नवलखा को आईपीसी की धारा 153 (ए) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. यह धारा धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, आवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने और सौहार्द बनाए रखने के में बाधा डालने वाली गतिविधियों से संबद्ध है. 


पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन लोगों पर आईपीसी की कुछ अन्य धाराएं और उनकी कथित नक्सली गतिविधियों को लेकर गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून की धाराएं भी लगाई गईं हैं. झारखंड में आदिवासी नेता फादर स्तान स्टेन स्वामी के परिसरों में भी तलाशी ली गई लेकिन उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया है. 


नई दिल्ली में नवलखा को भी गिरफ्तार किए जाने के शीघ्र बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस को उन्हें कम से कम कल शाम तक दिल्ली से बाहर नहीं ले जाने का आदेश दिया. 


दरअसल, उच्च न्यायालय नवलखा की ओर से उनके वकील द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रहा था. महाराष्ट्र पुलिस द्वारा नवलखा को आज दोपहर उनके घर से उठा लिए जाने के बाद यह याचिका दायर की गई थी.


(इनपुट - भाषा)