Amit Shah Interview: संसद की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस नेता और केरल से सांसद राहुल गांधी के भाषण के अंश को रिकॉर्ड से हटाने के सवाल पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पहली बार नहीं है जब किसी के भाषण को हटाया गया हो. न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा, 'संसद में राहुल गांधी क्या भाषण देते हैं इसके बारे में उन्हें सोचना चाहिए या उनके लिए जो लोग भाषण लिखते हैं उन्हें सोचना चाहिए. जो सांसद लोग तय करते हैं उसे पूरे देश की जनता सुनती है. अब राजनीतिक मजबूरियों के कारण कुछ पार्टियां नहीं सुनती हैं तो उन्हें भी जनता देख रही है.'


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'संसद की कार्यवाही से शब्दों को नियमानुसार हटाया जाता है'


उन्होंने कहा, 'पहली बार संसद से किसी की लाइनों को नहीं हटाया गया है. संसद की कार्यवाही से शब्दों को हटाने की प्रक्रिया आम है. संसद नियमों के मुताबिक चलने वाले बहस का स्थान है. जब नियमों के हिसाब से बहस करनी है तो संसदीय भाषा में ही बहस करनी पड़ती है.'


संसद में होने वाले गाली-गलौज पर अमित शाह ने कहा, 'जनता सब देख रही है. भारतीय लोकतंत्र इतना मजबूत हो चुका है कि वोट डालते वक्त वो सभी चीजों को ध्यान में रखती है.' इन चीजों के लिए हल निकालने की बात पर उन्होंने कहा कि हमें किसी के साथ बैठकर बात करने से कोई परहेज नहीं है. लेकिन इसके लिए कोई पहल करने को तैयार नहीं है.


'कोर्ट हमारे कब्जे में नहीं है'


कांग्रेस द्वारा क्रोनी कैपिटलिज्म के आरोप पर उन्होंने कहा, 'ये आरोप आज तक कोई नहीं लगा पाया. उनके जमाने में उन्हीं की एजेंसियों ने, चाहे कैग हो सीबीआई हो, भ्रष्टाचार का संज्ञान लेकर केस रजिस्टर किए थे. 12 लाख करोड़ के भ्रष्टाचार के केस दर्ज किए गए थे.' केंद्रीय एजेंसियों की मनमानी पर अमित शाह ने कहा, 'विपक्ष कोर्ट जा सकता है, लेकिन वो नहीं जाते. पेगासस में भी कहा था कि सबूत है तो कोर्ट जाइए. कोर्ट तो हमारे कब्जे में नहीं है न.'हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे