Lingayatism: कर्नाटक में राहुल गांधी ने ली लिंगायत संप्रदाय में दीक्षा, अगले साल राज्य में होने हैं चुनाव
Lingayatism: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आज लिंगायत संप्रदाय की दीक्षा ग्रहण कर ली. लिंगायत संप्रदाय संत बसवन्ना के सिद्धांतों पर चलने वाला एक संप्रदाय है, जिसमें हर धर्म के लोगों को लिंगायत संप्रदाय अपनाने की आजादी होती है.
Congress Leader Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आज लिंगायत संप्रदाय की दीक्षा ग्रहण कर ली. कर्नाटक के चित्रदुर्गा में एक प्रसिद्ध लिंगायत मठ है, जिसे मुरुगा मठ के नाम से जाना जाता है. राहुल गांधी ने आज यहां मठ के प्रमुख डॉक्टर शिवमूर्ति मुरूगा शरणरू स्वामी जी से मुलाकात की, जिसके बाद तमाम कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में मठ के प्रमुख संत ने उन्हें इष्टलिंग दीक्षा दी और नियम के अनुसार उनके मस्तक पर भभूत का त्रिपुण्ड लगाया.
इस पल को बताया ऐतिहासिक
जब राहल गांधी को इष्टलिंग दीक्षा दी जा रही थी तब मठ की तरफ से ये घोषणा की गई कि ये एक एतिहासिक क्षण है जब राहुल गांधी लिंगायत संप्रदाय को अपना रहे हैं.
क्या है लिंगायत संप्रादय?
लिंगायत संप्रदाय संत बसवन्ना के सिद्धांतों पर चलने वाला एक संप्रदाय है, जिसमें हर धर्म के लोगों को लिंगायत संप्रदाय अपनाने की आजादी होती है. इस प्रक्रिया के तहत इष्ट लिंग की दीक्षा ग्रहण करने वाले को लिंगायत समुदाय से जुड़ा हुआ मान लिया जाता है.
कैसे अपनाते हैं लिंगायत संप्रदाय
इष्टलिंग दीक्षा की इस प्रक्रिया के तहत लिंगायत संत मंत्रोचारण के साथ लिंगायत संप्रदाय को अपनाने वाले को ईष्टलिंग धारण करवाते हैं, जिसके बाद ये मान लिया जाता है कि उस व्यक्ति ने लिंगायत संप्रदाय को अपना लिया है. इष्टलिंग की दीक्षा ग्रहण करने के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि वो भाग्यशाली हैं कि उन्होंने ईष्ट लिंग की दीक्षा ग्रहण की है और संत बसवन्ना के बारे में और भी जानने और पढ़ने के लिए बहुत ही उत्सुक हैं.
कर्नाटक में चुनाव नजदीक
गौरतलब है कि कर्नाटक में 2023 में चुनाव हैं और लिंगायत संप्रदाय का एक बड़ा वोट बैंक है. कर्नाटक में भाजपा का बड़ा वोट बैंक लिंगायत समुदाय ही है.
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