नई दिल्ली: कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद से ही राहुल गांधी ने पार्टी में बड़े बदलाव लाने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिए हैं. माना जा रहा है कि ये बदलाव इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए किए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि सबसे पहले पार्टी की रिसर्च टीम और सोशल मीडिया टीम को मजबूत बनाया जाएगा. रिसर्च टीम को ब्रिटेन की लेबर और अमेरिका की डेमोक्रेट पार्टी की तर्ज पर तैयार करने की योजना है. रिसर्च टीम के लिए जर्मनी और जापान के राजनीतिक दलों के मॉडल का भी अध्‍ययन किया गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रिसर्च टीम में वरिष्ठ नेता से लेकर इंटर्न भी
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, कांग्रेस की रिसर्च टीम के मौजूदा प्रमुख और राज्‍यसभा सदस्‍य राजीव गौड़ा फिलहाल 15 युवाओं के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. इसमें 12 पूर्णकालिक सदस्‍य और तीन इंटर्न शामिल हैं. टीम को और दुरुस्त करने के लिए राहुल गांधी खुद अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.


चुनावों को लेकर काम कर रही टीम
रिसर्च टीम फिलहाल त्रिपुरा, मेघालय और कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर काम कर रही है. टीम को अप्रैल तक देश के हर राज्‍य में रिसर्च डिपार्टमेंट गठित करने का निर्देश दिया गया है. मध्य प्रदेश और तेलंगाना कांग्रेस ने खुद राज्य में रिसर्च टीम बनाने की मांग की है.


राहुल गांधी पहुंचे बहरीन, कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा


साथ ही कांग्रेस की रिसर्च टीम पंजाब सरकार के भी संपर्क में है, ताकि सरकार का पहला साल पूरा होने पर उसकी उपलब्धियों को जनता के सामने बेहतर तरीके से पेश किया जा सके.


पार्टी को चाहिए मजबूत थिंक टैंक
रिसर्च टीम को मजबूत बनाने के पीछ की वजह पार्टी में मजबूत ‘थिंक टैंक’ बनाना है. पार्टी को तथ्‍यों के लिए बाहरी स्रोतों पर निर्भर न रहना पड़े इस वजह से मजबूत ‘थिंक टैंक’ बनाया जाएगा.



ये थिंक टैंक इस साल कर्नाटक, मध्‍य प्रदेश और राजस्‍थान समेत आठ राज्‍यों में होने वाले विधानसभा चुनावों सहित 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी की तथ्यों को लेकर मदद करेगा.


'गब्बर सिंह टैक्स' के बाद राहुल गांधी ने गढ़ा GDP के लिए नया फुलफॉर्म


मजबूत सोशल मीडिया चुनाव में करेगा मदद
राहुल गांधी और रिसर्च टीम पार्टी की सोशल मीडिया टीम को भी मजबूत करने में लगे हैं. मजबूत सोशल मीडिया टीम पार्टी को चुनाव के दौरान और उससे पहले मीडिया में अपनी बेहतर छवि बनाने में मदद करेगी. बीजेपी पहले ही अपनी मजबूत सोशल मीडिया टीम बना चुकी है, जिसका उन्हें चुनावों में फायदा भी मिलता दिखा.