राहुल गांधी ने किसानों को लिखा खुला खत, पीएम मोदी के लिए लिखी ऐसी बात
Farm Law Repealed: कृषि कानूनों को वापस लेने के सरकार के फैसले के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसानों के नाम एक चिठ्ठी लिखी. उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं ने अपने सत्याग्रह से सरकार के अहंकार को झुका दिया है.
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने किसानों के नाम एक चिठ्ठी लिखी है. उन्होंने लिखा, 'मेरे प्यारे अन्नदाताओं, आपके तप, संघर्ष और बलिदान के दम पर मिली ऐतिहासिक जीत की बहुत-बहुत बधाई. मैं आपके इस संघर्ष में 700 से अधिक किसान-मजदूर भाई-बहनों द्वारा दी गई कुर्बानी के लिए नतमस्तक हूं.'
सत्याग्रह ने सरकार के अहंकार को झुका दिया- राहुल
राहुल ने कानूनों के रद्द होने के बाद कहा कि देश के अन्नदाताओं ने अपने सत्याग्रह से सरकार के अहंकार को झुका दिया है. अब प्रधानमंत्री मोदी को आगे ऐसा ‘दुस्साहस’ नहीं करना चाहिए. किसानों-मजदूरों के नाम लिखे खुले पत्र में राहुल गांधी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को अगले साल तक किसानों की आय दोगुनी करने का खाका सामने रखना चाहिए.
'किसानों की कुर्बानी के लिए नतमस्तक हूं'
कांग्रेस नेता ने पत्र में कहा, ‘आपके तप, संघर्ष और बलिदान के दम पर मिली ऐतिहासिक जीत की बहुत-बहुत बधाई. करीब 12 महीने से ठिठुरती ठंड, भीषण गर्मी, बरसात, तमाम परेशानियों व जुल्मों के बावजूद तीनों खेती विरोधी काले कानूनों को खत्म कराने का जो सत्याग्रह आपने जीता है, उसकी दूसरी मिसाल आजाद भारत के इतिहास में नहीं मिलती. मैं आपके इस संघर्ष में 700 से अधिक किसान-मजदूर भाई-बहनों द्वारा दी गई कुर्बानी के लिए नतमस्तक हूं.’
ये भी पढ़ें: DNA: कानून रद्द होने से देश के बाकी किसानों का कितना नुकसान?
आंदोलन को बताया गांधीवादी
उन्होंने कहा, ‘एक तानाशाह शासक के अहंकार से लड़ते हुए जिस गांधीवादी तरीके से आपने उन्हें फैसला वापस लेने को मजबूर किया, यह असत्य पर सत्य की विजय का एक बेजोड़ उदाहरण है. आज के इस ऐतिहासिक दिन हम उन शहीद किसान-मज़दूर भाई-बहनों को याद करते हैं, जिन्होंने अपनी जान का बलिदान देकर इस सत्याग्रह को मजबूत किया. काश, ये नौबत ही न आती, अगर केंद्र सरकार ने शुरू ही में किसानों की मांगों पर ध्यान दिया होता.’
किसानों से किया आह्वान
उन्होंने किसानों का आह्वान किया, ‘साथियों, संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है. कृषि उपज का लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले, विवादास्पद बिजली संशोधन कानून खत्म हो, खेती की जोत में इस्तेमाल होने वाली हर चीज पर लगाए गए टैक्स का बोझ घटे, डीजल के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि कम हो तथा खेत-मजदूर पर कमरतोड़ कर्ज के बोझ का हल निकालना खेतिहर किसान के संघर्ष के गंभीर विषय हैं.’
'कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी कांग्रेस'
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैं आप सबको भरोसा दिलाता हूं कि मौजूदा आंदोलन की ही भांति भविष्य में भी आपके सभी जायज संघर्षों में मैं और कांग्रेस पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता आपके कंधे से कंधा मिलाकर आपकी आवाज को बुलंद करेंगे.’
ये भी पढ़ें: DNA: संसद द्वारा पास किए गए कृषि कानूनों को रद्द करने के क्या नुकसान होंगे?
'किसानों की दोगुनी आय सुनिश्चित करे सरकार'
राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री से मांग करता हूं कि किसान अपना फायदा और नुकसान सबसे बेहतर समझता है. चंद पूंजीपतियों के हाथ में खेलकर किसान को अपने ही खेत-खलिहान में गुलाम बनाने की साजिश कर व उसे (फैसले) सही साबित करने का दोबारा दुस्साहस न करें. प्रधानमंत्री को अपने वादे के मुताबिक साल 2022 तक किसान की दोगुनी आय सुनिश्चित करनी चाहिए. इसके लिए उन्हें जल्दी से जल्दी भविष्य की योजनाओं का रोडमैप भी जारी करना चाहिए.’
सोनिया गांधी ने भी सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रेस विज्ञाप्ति जारी करते हुए कहा कि, 'लगभग 12 महीने के गांधीवादी आंदोलन के बाद आज देश के 62 करोड़ अन्नदाताओ-किसानों-खेत मजदूरों के संघर्ष व इच्छाशक्ति की जीत हुई.' सरकार पर निशाना साधते हुए सोनिया ने कहा, 'आज सत्ता में बैठे लोगों द्वारा बुना किसान-मजदूर विरोधी षडयंत्र भी हारा और तानाशाह शासकों का अहंकार भी. आज खेती-विरोधी तीनों काले कानून हारे और अन्नदाता की जीत हुई. उन्होंने कहा कि किसानों को यातना और याचना नहीं न्याय और अधिकार चाहिए. '
LIVE TV