भारतीय रेलवे ने रचा एक और इतिहास, इस पुल को भूकंप भी नहीं हिला सकेगा
जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में अंजी खाद पर 191 मीटर ऊंचे खंभे (Pylon) का निर्माण कार्य पूरा कर रेलवे ने रियासी जिले में ही दुनिया के सबसे ऊंचे आर्च शेप चिनाब पुल के बाद केवल स्टेड पुल का निर्माण कर इतिहास रच दिया है.
नई दिल्ली: भारतीय रेल नेटवर्क के इतिहास में एक और मील पत्थर गाढ़ते हुए रेलवे ने देश के पहले केबल स्टेड पुल (Cable Stayed Bridge) के निर्माण का महत्वपूर्ण पड़ाव पूरा कर लिया है. जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में अंजी खाद पर 191 मीटर ऊंचे खंभे (Pylon) का निर्माण कार्य पूरा कर रेलवे ने रियासी जिले में ही दुनिया के सबसे ऊंचे आर्च शेप चिनाब पुल के बाद केवल स्टेड पुल का निर्माण कर इतिहास रच दिया है.
इंजीनियरिंग का नायाब नमूना
इस पुल के खंभे का काम 31 दिसंबर को पूरा कर लिया गया था. अब उस पर केबल लगाने का काम बाकी है, जिसे इसी साल 2022 में पूरा कर लिया जाएगा. आपको बता दें कि माता वैष्णो देवी कटरा और रियासी को आपस मे जोड़ने वाले इंजीनियरिंग के इस नायाब नमूने केबल स्टेड पुल की लंबाई 473.25 मीटर है जबकि इसके Viaduct की लंबाई 120 मीटर है.
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हर तूफान को झेलने में सक्षम है पुल
इस पुल का सेंट्रल तटबंध (Embakment) 94.25 मीटर है जिन्हें 96 Cables का सपोर्ट मिलेगा, जो किसी भी तेज तूफान या भूकंप को झेलने में सक्षम है.
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रेल से देख सकेंगे कश्मीर की वादियां
गौरतलब है कि 21,653 करोड़ रुपये की लागत वाली उधमपुर -श्रीनगर -बारामुला राष्ट्रीय रेल परियोजना पर कटरा और बनिहाल के बीच के 111 किलोमीटर सेक्शन पर काम चल रहा है. इस सेक्शन पर Cable Stayed Pylon पुल के निर्माण से अब वो दिन दूर नहीं रहा जब देश-दुनिया से पर्यटक कश्मीर की वादियों का नजारा रेल मार्ग से भी देखेंगे.
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