रेलवे बना मसीहा, मां और बच्चे की जान बचाने के लिए 3 KM उलटी दिशा में दौड़ाई ट्रेन
Indian Railway: भारतीय रेलवे ने एक महिला और उसके नवजात बच्चे की जान बचाने के लिए ट्रेन को उलटी दिशा में दौड़ा दिया. रेलवे अधिकारियों के इस फैसले की ट्रेन में मौजूद यात्रियों ने जमकर सराहना की.
नई दिल्ली. भारतीय रेल से जुडे़ कई किस्से आपने सुने होंगे, जिसमें मानवता के नाते रेल कर्मचारी किसी भी हद तक जाते हैं. ऐसा ही कुछ झारखंड में हुआ, जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. दरअसल, एक महिला की जान बचाने के लिए रेलवे अधिकारियों ने एक एक्सप्रेस ट्रेन उलटी दिशा में चलाने का फैसला किया.
उलटी दिशा में चली ट्रेन
जानकारी के मुताबिक, टाटानगर से भुवनेश्वर के लिए मंगलवार की रात रवाना हुई आनंद विहार-भुवनेश्वर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में एक महिला का प्रसव होने के बाद ट्रेन को उसकी मंजिल से उलटी दिशा में चलाना पड़ा. ट्रेन के लगभग ढाई किलोमीटर पीछे लौटने के बाद टाटानागर रेलवे स्टेशन पर मेडिकल टीम ने महिला और नवजात बच्चे को उतारा और प्रारंभिक जांच के बाद उन्हें खासमहल स्थित सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. रेलवे अधिकारी ने बताया कि अब महिला और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. चलती ट्रेन में शिशु को जन्म देनेवाली महिला का नाम रानू दास बताया जा रहा है.
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टाटानगर स्टेशन को मिली थी सूचना
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि महिला ट्रेन की कोच संख्या-5 में सवार थी. उन्हें उड़ीसा के जलेश्वर में उतरना था. ट्रेन देर शाम टाटानगर स्टेशन से खुलकर आगे बढ़ी ही थी कि चलती ट्रेन में महिला की डिलीवरी होने और बच्चे को जन्म देने की सूचना टाटानगर स्टेशन को दी गयी. तब तक ट्रेन लगभग ढाई किलोमीटर आगे बढ़ गयी थी.
मेडिकल टीम को स्टेशन पर बुलाया
सूचना मिलने के बाद ट्रेन को वापस टाटानगर स्टेशन पर लौटाने का फैसला लिया गया. क्योंकि ट्रेन का अगला पड़ाव हिज्जली था, जहां पहुंचने में कम से कम दो घंटे का वक्त लगता और इस बीच उन दोनों की जान को खतरा हो सकता था. बहरहाल, टाटानगर रेलवे स्टेशन के अधिकारियों ने स्थानीय रेलवे अस्पताल को सूचना देकर मेडिकल टीम को स्टेशन पर बुलाया. इसके अलावा ट्रेन को उल्टी दिशा में करीब ढाई-तीन किलोमीटर वापस लौटाया गया.
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यात्रियों ने की रेलवे अधिकारीयों की सराहना
टाटानगर स्टेशन पर मेडिकल टीम ने महिला और उसके बच्चे को सही सलामत ट्रेन से उतारा गया. यहां दोनों के कुछ टेस्ट किए गए और फिर उन्हें खासमहल स्थित सदर अस्पताल भेज दिया गया. इसके बाद ट्रेन वापस भुवनेश्वर के लिए रवाना हुई. ट्रेन पर सवार यात्रियों ने रेलवे अफसरों की संवेदनशीलता और इस फैसले की सराहना की.
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