नई दिल्ली/जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) में सियासी हलचल जारी है. अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार पर संकट के बादल लगातार मंडरा रहे हैं. पूरे घटनाक्रम को लेकर आज सुबह 10 बजे कांग्रेस विधायकदल की बैठक बुलाई गई है. सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक बैठक के बाद गहलोत समर्थक विधायकों को जैसलमेर रिसोर्ट में शिफ्ट किया जाएगा. 13 अगस्त तक विधायकों को वहीं रखने की तैयारी है. बताया जा रहा है कि बैठक के बाद 11 बजे होटल फेयरमाउंट से सभी विधायक एयरपोर्ट के लिए रवाना हो जाएंगे विधायक.


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सूत्रों के मुताबिक सभी विधायकों को आईडी तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं. उन्हें जैसलमेर के मैरिएट या सूर्यगढ़ रिसोर्ट में ठहराया जा सकता है. बता दें कि जैसलमेर में केवल मैरियट होटल में ही 100 कमरे हैं. ऐसे में संभव है कि मंत्रियों को जयपुर रुक कर कामकाज संभालने के लिए कहा जाए. 


सूत्र बता रहे हैं कि दो से तीन चार्टर विमानों के जरिए विधायकों को जैसलमेर भेजा जाएगा. इस बाबत जैसलमेर के पुलिस प्रशासन को भी अलर्ट कर दिया गया है. 


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राजस्‍थान के सियासी घटनाक्रम के बीच राज्‍यपाल कलराज मिश्र ने Zee News के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी के साथ खास बातचीत में कहा कि मुझ पर किसी का दबाव नहीं है. मेरे लिए संविधान सबसे ऊपर है. कांग्रेस की तरफ से जल्‍द विधानसभा सत्र बुलाए जाने की मांग के दौरान पिछले दिनों जब राजभवन में कांग्रेस विधायकों ने प्रदर्शन किया, इस पर उन्‍होंने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का प्रदर्शन ठीक नहीं है. 


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विधानसभा सत्र को जल्‍द बुलाने की कांग्रेस की मांग पर उन्‍होंने कहा कि मैंने संविधान के अनुरूप काम किया. मैंने उनसे पूछा कि अल्‍प नोटिस की मांग पर जल्‍द विधानसभा क्‍यों बुलाना चाहते हैं? इसका एजेंडा क्‍या है? लेकिन मुख्यमंत्री ने जब पत्र भेजा तो हमारी अपेक्षा थी कि हमारे पास जो प्रस्ताव आएगा उसमें विश्वास मत की बात होगी. कारण नहीं बताया गया कि विधानसभा सत्र क्यों ​बुलाया जाए. मूल प्रावधान के परे हटकर काम नहीं कर सकते. संविधान के अनुरूप कम से कम 21 दिन के नोटिस पर सत्र बुलाए जाने का प्रावधान है. इसलिए जब 31 जुलाई के बाद 14 अगस्‍त को सत्र बुलाने के लिए सरकार ने आग्रह किया तो हमने स्‍वीकार कर लिया.


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