Ajmer: जेल प्रहरी जेल में काली पट्टी बांधकर जता रहे विरोध, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह
अजमेर में जेल प्रहरी जेल में काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हैं. यूं तो जेल प्रहरियों में खासा रोष व्याप्त है फिर भी वह काली पट्टी बांधकर गांधीवादी तरीके से अपना विरोध कर रहे हैं.
Ajmer: प्रदेश की तमाम जेलों में हार्डकोर अपराधियों और आरोपियों के बीच रहने वाले जेल प्रहरी आज जेल में काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जता रहे हैं. जेल प्रहरी का कहना है कि उनकी वेतन विसंगति और अन्य समस्याओं को लेकर वर्ष 2017 में सरकार ने समझौता किया था लेकिन अब तक उस पर कोई विचार-विमर्श नहीं किया जा रहा है.
काली पट्टी बांधकर गांधीवादी तरीके से आंदोलन
जिसके कारण प्रदेश के सभी जेल प्रहरियों में खासा रोष व्याप्त है और फिर उसको प्रकट करते हुए आज काली पट्टी बांधकर गांधीवादी तरीके से आंदोलन किया जा रहा है. जेल प्रहरियों का कहना है कि जल्द ही उनकी मांगों को मान लिया जाए.
मानसिक रूप से परेशान हैं जेल प्रहरी
उनका कहना है कि पुलिस वेरिफिकेशन के बाद उनकी भी पोस्टिंग हुई थी लेकिन आज जेल प्रहरी और पुलिस आरएसी के बीच 20000 रुपये का फर्क आ रहा है. जिसके कारण वह मानसिक रूप से परेशान हैं और आर्थिक रूप से भी उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसे लेकर कई बार सरकार ने प्रशासन को सूचना दी गई लेकिन उनकी मांगों पर कोई विचार-विमर्श नहीं किया जा रहा है.
कार्य का बहिष्कार करने की दे रहे हैं चेतावनी
जिसके कारण सभी जेल प्रहरी लामबंद होते हुए कार्य का बहिष्कार करने की चेतावनी भी दे रहे हैं. आज देश की सबसे सुरक्षित हाई सिक्योरिटी जेल के बाहर भी जेल प्रहरियों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताते हुए सरकार से समझौते को लागू करने की मांग की. उनका कहना है कि अगर 15 दिन के भीतर उनकी समस्याओं पर विचार विमर्श करते हुए समझौते को लागू नहीं किया जाता है तो वह बहिष्कार कर आंदोलन करेंगे जिसकी जिम्मेदारी जेल प्रशासन व सरकार की होगी.
Reporter-Ashok Singh Bhati
ये भी पढ़ें- हनुमान बेनीवाल का दावा, राजस्थान सरकार को 2 करोड़ की रिश्वत दी, इस यूनिवर्सिटी से 20 हजार फर्जी डिग्रीयां बंटी