नसीराबाद पार्षदों की बाड़ेबंदी, अविश्वास प्रस्ताव पर 17 जून को होगी बोर्ड बैठक
नसीराबाद नगरपालिका चेयरमैन शारदा मित्तलवाल कांग्रेस समर्थक हैं. नगरपालिका के 20 में से 16 पार्षदों ने जिला कलेक्टर को नगरपालिका नसीराबाद की चेयरमैन शारदा मित्तलवाल के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव का पत्र सौंपा था, जिसके चलते 10 जून की दोपहर 12 बजे से बोर्ड बैठक आयोजित करके अविश्वास प्रस्ताव पर कार्यवाही किए जाने का एजेंडा था.
Nasirabad: नसीराबाद नगरपालिका की अध्यक्षा शारदा मित्तलवाल के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर 10 जून की दोपहर 12 बजे से बोर्ड बैठक आयोजित की जानी थी लेकिन राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर अंतिम समय में जिला कलेक्टर द्वारा एक सप्ताह की समयावधि समय बढ़ा दी गई है.
नसीराबाद नगरपालिका चेयरमैन शारदा मित्तलवाल कांग्रेस समर्थक हैं. नगरपालिका के 20 में से 16 पार्षदों ने जिला कलेक्टर को नगरपालिका नसीराबाद की चेयरमैन शारदा मित्तलवाल के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव का पत्र सौंपा था, जिसके चलते 10 जून की दोपहर 12 बजे से बोर्ड बैठक आयोजित करके अविश्वास प्रस्ताव पर कार्यवाही किए जाने का एजेंडा था. लेकिन 24 घंटे पूर्व 9 जून को जिला कलेक्टर ने 10 जून के बजाय 17 जून तिथि नियत की है. उन्होंने जारी आदेश में बताया कि 10 जून को राज्यसभा का चुनाव प्रस्तावित है, जिस कारण विधायक उस बैठक में उपस्थित नहीं हो सकेंगे. इसको मद्देनजर रखते हुए बैठक 10 के बजाय 17 जून की दोपहर 12 बजे नगरपालिका अम्बेडकर भवन में की जाएगी.
यहां जानें पूरा मामला
विधायक रामस्वरूप लांबा के निजी सहायक नवीन शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि नसीराबाद नगरपालिका अध्यक्ष शारदा मित्तलवाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर 10 जून को बहस एवं प्रस्ताव पारित होना था. 9 जून को जिला कलेक्टर द्वारा तिथि बढ़ाकर 17 जून कर दी गई. इसमें कांग्रेस की पराजय निश्चित थी, जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने कलेक्टर पर दबाव बनाकर तारीख आगे बढ़ा दी है. जबकि राज्यसभा चुनाव की तारीख पूर्व से घोषित हो चुकी थी. राज्य की कांग्रेस सरकार जनता में विश्वास खो चुकी है और सत्ता का दुरुपयोग कर रही है. कांग्रेस पार्टी की चेयरमैन के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के पार्षद स्वयं अविश्वास लेकर आए हैं, जिससे स्पष्ट है कि कांग्रेस के कार्यकर्ता भी इस सरकार से दुखी हैं.
नसीराबाद नगरपालिका में कुल 20 पार्षद
उल्लेखनीय है कि नसीराबाद नगरपालिका में कुल 20 पार्षद है. इन 20 पार्षद में से 10 भाजपा, 8 कांग्रेस और 2 निर्दलीय विजयी हुए थे. कांग्रेस ने इन दोनों निर्दलीय पार्षदों को अपने खेमे में ले लिया था, जिससे भाजपा के 10 और कांग्रेस के भी 10 पार्षद हो गए थे. चेयरमैन के चुनाव में मतदान होने पर दोनों ही पार्टी को 10-10 वोट मिलने पर लॉटरी निकाल कर भाग्य का फैसला किया गया था, जिसमें कांग्रेसी समर्थक शारदा मित्तलवाल विजयी घोषित हुई थी.
शारदा मित्तलवाल ने पूरा नहीं किया नाम
विडंबना की पराकाष्ठा तो यह रही कि शारदा मित्तलवाल अपना कार्यकाल पूर्ण नहीं कर पाई और इससे पूर्व ही भाजपाइयों ने ही नहीं बल्कि कांग्रेसी पार्षदों में भी बगावत की चिंगारियां लपटों में तब्दील होने लगी और हालात यहां तक पहुंच चुके कि आधे से अधिक कांग्रेसी पार्षदों ने भी चेयरमैन शारदा मित्तलवाल की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए भाजपाइयों के साथ मिलकर जिला कलेक्टर को नगरपालिका चेयरमैन शारदा मित्तलवाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का पत्र सौंप दिया. इस अविश्वास प्रस्ताव के पत्र पर जिला कलेक्टर ने 10 जून की दोपहर 12 बजे मीटिंग बुलाने के निर्देश जारी किए थे लेकिन राज्यसभा चुनाव 10 जून को होने के कारण विधायक की अनुपस्थिति को देखते हुए इस बैठक को 10 के बजाए अब 17 जून को बुलाने के आदेश जारी किए गए हैं.
10 जून की बैठक को देखते हुए पार्षदों की बाड़ाबंदी
नसीराबाद में यह आम चर्चा है कि 10 जून की बैठक को देखते हुए पार्षदों की बाड़ाबंदी की हुई है और अब यह बाड़ाबंदी एक सप्ताह और बढ़ जाएगी. अविश्वास का मुद्दे की गर्मी चरम पर पहुंचने के बाद एक सप्ताह तक और गर्म रहेगा. इस बीच दोनों ही पार्टी चुनावी शतरंज पर मान मनुआर की गोटिया चलकर अविश्वास प्रस्ताव को सफल अथवा असफल करने का प्रयास करने को नकारा नहीं जा सकता.
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