अलवरः हिंदू रीति रिवाज से बंदर की निकाली शव यात्रा, फूल मालाओं से सजाई थी अर्थी
अलवर शहर में शनिवार को हिंदू रीति रिवाज से मृत बंदर की शव यात्रा निकाली गई . साथ ही हिंदू रीति-रिवाज से और बैंड बाजे से उसका एन ई बी शमशान घाट में दाह संस्कार किया गया. जानकारी के अनुसार नीमराना में एक बंदर की करंट लगने से गंभीर रूप से झुलस गया था.
Alwar News: अलवर शहर में शनिवार को हिंदू रीति रिवाज से मृत बंदर की शव यात्रा निकाली गई . साथ ही हिंदू रीति-रिवाज से और बैंड बाजे से उसका एन ई बी शमशान घाट में दाह संस्कार किया गया. जानकारी के अनुसार नीमराना में एक बंदर की करंट लगने से गंभीर रूप से झुलस गया था. उसे इलाज के लिए अलवर लेकर जाया गया पर उपचार के दौरान सुबह उसकी मौत हो गई जिस पर मोहल्ला प्रताप बास के निवासियों ने मृत बंदर की शव यात्रा निकालकर उसका अंतिम संस्कार किया. प्रताप बास से ही फूल मालाओं से सजाकर उसकी अर्थी को ठेली पर रखकर चार लोगो ने ठेली को धक्का दिया और अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जाया गया जहां हिंदू रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार किया गया.
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क्यों किया अंतिम संस्कार
मोहल्ले वालों ने बताया कि शनिवार होने के कारण हनुमान का वार माना जाता है. हिंदू समाज में बंदर का बड़ा महत्व है. इस कारण मृत बंदर को हनुमान जी की सेना के रूप में माना जाता है इसलिए आज बंदर का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से किया गया. उन्होंने बताया कि आगामी मंगलवार को मोहल्ले वालों के सहयोग से भंडारा आयोजित किया जाएगा. आज बंदर की शव यात्रा और अंतिम संस्कार में मोहल्ले के सैकड़ों युवा महिलाए शामिल थी.
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