Alwar News: राजस्थान के अलवर शहर के प्राचीन भुरा सिद्ध मंदिर का मामला एक बार फिर से तुल पकड़ गया. मामले को लेकर मीणा समाज ने मिनी सचिवालय के गेट पर प्रदर्शन किया और जिला पुलिस अधीक्षक व जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर मामले से अवगत कराया. 


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मीणा समाज के अध्यक्ष बृजेश कुमार ने बताया कि हमारे गुजरात के चीफ जस्टिस रहे यादराम मीणा ने विगत वर्षों पहले 1990 में भूरासिद्ध स्थान पर एक राम मंदिर का निर्माण करवाया था . 26 जून 2024 कोइस मंदिर में एक बाबाजी जो कि योगेश दास महाराज अपने 40-50 लोगों के साथ आया, जो की अपनेआप को महंत बताता है. 


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उसने मंदिर पुजारी के साथ मारपीट कर मंदिर पर कब्जा कर लिया है. पूर्व में उसने हमारे पुजारी के साथ भी मारपीट की थी, जिसकी हमने रिपोर्ट दर्ज कराई लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई. 


बाबा के पास आसामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है. आसपास के लोग परेशान हैं .हम जब वहां पर जाते हैं तो वह लोग हमारे साथ मारपीट करने में उतर जाते हैं. हमारी यही मांगे कि इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई हो और हमारा मंदिर हमको वापस मिल सके. 


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इस मामले में पूर्व प्रधान शीला मीणा ने बताया हमारे जज साहब ने वह मंदिर हमारे लिए बनाया था. लेकिन असामाजिक तत्वों ने वहां पर जज की नेम प्लेट हटाकर अपनी नेम प्लेट लगा ली. यह उनका शोभा नहीं देता. प्रशासन इस पर जल्दी कार्रवाई करें और जो भी इसमें दोषी है. उनको सजा दिलाए. महिलाओं ने इस मामले को लेकर मिनी सचिवालय के गेट पर गीत गाकर भी प्रदर्शन किया.