Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में दिशाओं को लेकर कई सारी बातें बताई गई हैं. कहा जाता है कि हर एक दिशा में एक विशिष्ट प्रकार की ऊर्जा होती है, जो हमारे जीवन पर असर डालती है.
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Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार, इसमें सभी चीजों को सही दिशा में रखने के बारे में बताया गया है. ऐसे में हम आपको बताएंगे कि घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में कौन सी चीजें रखने से बचना चाहिए.
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर या किसी भी संरचना को बनाते हुए दिशाओं का खास ध्यान रखना चाहिए, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा रह सकें और नकारात्मक ऊर्जा दूर रहे. वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्व दिशा को बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि यहां से सूर्योदय होता है.
पूर्व दिशा में पूजा और अध्ययन कक्ष होना शुभ माना जाता है. पश्चिम दिशा धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी से जुड़ी है. इस दिशा में तिजोरी या पैसे रखना शुभ होता है. उत्तर दिशा को भगवान कुबेर की दिशा कहा जाता है. इस दिशा में पानी का स्रोत होना शुभ माना जाता है.
दक्षिण दिशा को यमराज कहा जाता है, ऐसे में इस दिशा में पैर नहीं रखने चाहिए. उत्तर दिशा को देवताओं की दिशा कहा जाता है. यह पूजा के लिए शुभ दिशा है. अग्नि देवता दक्षिण-पूर्व दिशा में रहते हैं. इस दिशा में रसोई बनाना शुभ होता है.
उत्तर-पश्चिम को पवन देवता की दिशा कहते हैं. इस दिशों में बच्चों का कमरा बनाना चाहिए. दक्षिण-पश्चिम को पृथ्वी देवी की दिशा है, यहां भारी सामान रखना चाहिए. जानिए घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में कौन सी चीजें नहीं रखनी चाहिए.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण-पूर्व दिशा एक महत्वपूर्ण दिशा है. यह दिशा अग्नि तत्व से जुड़ी हुई है. इसमें ऊर्जा का स्तर बहुत अधिक होता है. इस दिशा में रसोई बनाई जाती है क्योंकि अग्नि तत्व रसोई से जुड़ा हुआ होता है. इस दिशा में अधिक धातु और पानी नहीं रखना चाहिए.
अग्नि और जल दोनों की प्रबल तत्व हैं. इस दोनों को एक साथ रखा जाता है तो ऊर्जा का असंतुलन होता है. इसका नकारात्मक असर पड़ता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण-पूर्व कोने में पानी से जुड़ी चीजों को रखने से सेहत से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं.
डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.