Rajasthan News: दिल्ली-NCR में ग्रेप की पाबंदियां लागू होने का असर अब अलवर में दिखने लगा है. यहां भी धूल मिट्टी का असर बढ़ा तो एंटी स्मॉक गन चालू कर दी है. पानी की बौछारों से मिट्टी धूल को हटाने का काम होता है. इसके अलावा भी नगर निगम अलवर की ओर से कई तरह के प्रयास शुरू हो गए हैं. 


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15 अक्टूबर से ग्रेप की पाबंदियां शुरू
नगर निगम के कमिश्नर जितेंद्र सिंह नरूका ने बताया कि एंटी स्माक गन से पानी की बौछार की जाती है. महीन बौछारों से डस्ट को वातावरण से हटाने का काम होता है. जो एक तरह से प्रदूषण को कम करने के लिए है. 15 अक्टूबर से ग्रेप की पाबंदियां शुरू हो चुकी हैं. जिसके नियमानुसार मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन, पानी का छिड़काव, निर्माण वगैरह को ढक कर कराना शुरू कर दिया है, ताकि हर तरह के प्रयासों से प्रदूषण को कम किया जा सके.



अवैध रूप से खुली भूमि पर कचरा डालना मना
उन्होंने बताया वायु गुणवत्ता के पूर्व अनुमानों के अनुसार आगामी दिनों में जो वायु गुणवत्ता का सूचकांक है वह 201 से 300 तक पहुंच जाता है. 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले निर्माण प्रतिबंधित रहेंगे. ठोस कचरा अपशिष्ट और निर्माण एवं विनिर्माण अपशिष्ट का नियमित निस्तारण सुनिश्चित करना तथा किसी भी प्रकार का कचरा अवैध रूप से खुली भूमि पर नहीं डाला जाना चाहिए.



खुले में कचरा जलाने पर होगी पाबंदी
सड़कों पर समय-समय पर मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों द्वारा सफाई और पानी का छिड़काव करना सुनिश्चित होगा. शिकायत मिलने पर एंटी स्मोक गन का उपयोग दूषित वायु वातावरण को कम करने के लिए किया जाएगा. लैंडफिल और डंपिंग साइट पर कचरा को नहीं जलाया जा सकेगा. सड़क निर्माण, रखरखाव और मरम्मत की परियोजनाओं में एंटी स्मोक गन, पानी का छिड़काव और धूल दमन का उपयोग सुनिश्चित रूप से कराए जाने के निर्देश मिले हैं.



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