Who is Chhotu Baba: प्रयागराज में होने जा रहे महाकुंभ में छोटू बाबा भी पहुंच गए हैं. करीब 3 फीट 8 इंच की ऊंचाई वाले छोटू बाबा का कहना है कि उन्होंने 32 साल से कोई स्नान नहीं किया है. उन्होंने इसकी वजह भी बताई है.
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Chhotu Baba in Prayagraj Mahakumbh 2025: यूपी के प्रयागराज में 12 साल बाद होने जा रहे महाकुंभ के लिए लोगों में जबरदस्त उत्साह बना हुआ है. इस बार कुंभ की शुरुआत 13 जनवरी को होने जा रही है और यह 26 फरवरी तक चलेगा. इस महाकुंभ में शामिल होने के लिए साधु-संतों समेत आम लोगों के प्रयागराज आने की शुरुआत हो चुकी है. अलग-अलग अखाड़ों और परंपराओं से जुड़े साधु अपने साथ ज्ञान की अलग-अलग धाराएं भी लेकर आते हैं. इनमें कई साधु अपने अलग अंदाज की वजह से लोगों के आकर्षण का केंद्र भी बन जाते हैं. इन्हीं में से एक हैं 'छोटू बाबा'
महज 3 फुट और 8 इंच है ऊंचाई
असम की कामाख्या पीठ से आए 57 साल के गंगापुरी महाराज महज 3 फुट और 8 इंच के हैं. जिसकी वजह से श्रद्धालु उन्हें 'छोटू बाबा' के नाम से भी जानते हैं. बाबा की एक खासियत और है. उनका दावा है कि वे 32 सालों से नहाए नहीं हैं. पूछने पर बाबा बताते हैं कि उन्होंने एक संकल्प ले रखा है. जब तक वह संकल्प पूरा नहीं होता, वे स्नान नहीं करेंगे. पूछने पर भी वे उस संकल्प के बारे में नहीं बताते. हालांकि इतना जरूर कहते हैं कि संकल्प पूरा होने पर वे सबसे पहले उज्जैन से होकर गुजरने वाली क्षिप्रा नदी में स्नान करेंगे.
क्या महाकुंभ में स्नान करेंगे छोटू बाबा?
क्या गंगापुरी महाराज कुंभ में डुबकी लगाएंगे. इस पर वे ना की मुद्रा में सिर हिलाकर इनकार करते हैं. उनका कहना है कि वे महाकुंभ में आध्यात्म की धूनी रमाकर साधना करेंगे और मां गंगा-यमुना के संगम को निहारेंगे लेकिन संकल्प की वजह से स्नान नहीं करेंगे. उन्होंने संगम के पास ही अपना छोटा सा कैंप भी लगा लिया है.
जूना अखाड़े की कामाख्या पीठ से संबंध
छोटू बाबा कहते हैं कि तन की शुद्धता से ज्यादा जरूरी मन की शुद्धता है. जब तक आप आंतरिक रूप से शुद्ध नहीं होंगे, तब तक बाहरी काया को चमकाने का कोई फायदा नहीं है. पहली बार प्रयागराज आए छोटू बाबा जूना अखाड़े के नागा संत हैं. वे जूना अखाड़े की नागा पीठ से जुड़े हुए हैं. वे लोकप्रिय संत हैं. जब वे सड़क से गुजरते हैं तो उनके दर्शनों और साथ में फोटो खिंचवाने के लिए लोगों की भीड़ लग जाती है. महाकुंभ में भी यही हाल हो रहा है. इसी वजह से शिविर में एकांतवास में रहकर साधना करने में लगे हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)