Asaduddin Owaisi News: हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी एआईएमआईएम भी फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ेगी. इस दौरान उन्होंने AAP पर बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी और AAP वैचारिक रूप से एक हैं.
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Delhi Assembly Chunav: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैरियों में जुटी हुई हैं. इस बार दिल्ली के चुनाव में हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी किस्मत आजमा रही है. इसी बीच, एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार, 4 जनवरी को सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और बीजेपी पर जमकर हमला बोला है. ओवैसी ने बीजेपी और AAP पर वैचारिक रूप से समान होने का इल्जाम लगाया और दावा किया कि दोनों पार्टियां हिंदुत्व एजेंडे को पालन करती हैं और उनकी जड़ें आरएसएस में हैं.
आरएसएस विचारधारा के तहत AAP का गठन
उन्होंने कहा, "आरएसएस ने जनसंघ बनाया, जो बाद में 1980 में बीजेपी बन गया और उसी विचारधारा के तहत 2012-13 में AAP का गठन हुआ." ओवैसी ने कहा कि AIMIM फरवरी में होने वाले दिल्ली चुनाव लड़ेगी. सीटों की संख्या पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष तय करेंगे. ओवैसी ने आप की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली में कूड़ा उन इलाकों में फेंका जाता है, जहां मुस्लिम रहते हैं और स्कूल और हॉस्पिटल बनाने के उसके दावे झूठे हैं, जैसा कि मुस्लिम इलाकों में देखा जाता है.
वहीं, वीर सावरकर के नाम पर एक कॉलेज के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के संभावित शिलान्यास समारोह का जिक्र करते हुए ओवैसी ने सवाल किया कि क्या सरकार कपूर कमीशन के निष्कर्षों को स्वीकार करती है, जिसने कथित तौर पर सावरकर को महात्मा गांधी की हत्या से जोड़ा था. उन्होंने भाजपा के रुख पर सवाल उठाते हुए कहा, "गांधी की हत्या में कथित रूप से शामिल किसी व्यक्ति से प्यार कैसे कर सकते हैं?"
ओवैसी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
इससे पहले ओवैसी ने अजमेर दरगाह पर चादर भेजने को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा. लोकसभा सदस्य ने तर्क देते हुए कहा था कि सरकार की असली जिम्मेदारी मस्जिदों और दरगाहों पर विवादों को रोकना है, लेकिन पूरे देश में बीजेपी, संघ परिवार और उनके सहयोगी संगठन कोर्ट में जाकर कह रहे हैं कि इन जगहों की खुदाई होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, "पूरे देश में BJP, संघ परिवार और उनके हर संगठन कोर्ट में जाकर कह रहे हैं कि इन जगहों की खुदाई होनी चाहिए, यह मस्जिद, दरगाह नहीं है. यह कब्रिस्तान नहीं है. अगर पीएम चाहें तो ये सब बंद हो जाएगा. सिर्फ चादर भेजने से कोई फायदा नहीं होगा, आप चादर भेज रहे हैं लेकिन आपके ही अनुयायी कोर्ट जाकर कह रहे हैं कि ख्वाजा की दरगाह दरगाह नहीं है."