Alwar: राजगढ़ कस्बे के आर्य समाज मंदिर में चल रही एक पखवाड़े से श्री रामायण कथा ज्ञान यज्ञ कथा का रविवार को समापन हुआ. कार्यक्रम के मुख्य संयोजक खेम सिंह आर्य ने बताया कि 25 सितंबर से 9 अक्टूबर तक चल रही 15 दिवसीय महर्षि बाल्मीकि अनुपम कृति श्री रामायण कथा ज्ञान यज्ञ का रविवार को पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुई.


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उन्होंने बताया कि आचार्य पंडित विनोदी लाल दीक्षित के मुखारविंद से विधि विधान के साथ कथा का वाचन किया गया. कथा में आचार्य विनोदी लाल दीक्षित ने बताया कि भगवान राम का आदर्श जीवन वेदानुकूल यजमय था. वे निष्काम कर्मवीर प्रजा पालक नरेश, गुरु भक्त सर्वव्यापी थे. उन्होंने माता सीता, भाई लक्ष्मण और भरत के आदर्श चरित्र को लेकर भी विस्तार से प्रकाश डाला.


श्रद्धालुओं से उनके आदर्श जीवन से शिक्षा प्राप्त करने की बात दोहराई. उन्होंने रामकथा के गूढ़ रहस्यों की व्याख्या की. आर्य समाज के धर्म सिंह आर्य ने बताया कि संस्कृति संरक्षण, नारी सम्मान, गोसेवा, चरित्र निर्माण, राष्ट्र रक्षा और पर्यावरण का महत्व के उद्देश्य को लेकर श्री रामायण कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य यजमान कपिल आर्य और स्वाति रहें. 


साथ ही नन्ही बालिका खुशी ने भजन प्रस्तुत कर सभी श्रद्धालुओं को तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया. इस अवसर पर स्वामी देवानंद, नंद सिंह आर्य, लॉयन क्लब के अध्यक्ष अजय यादव, व्यापार संघ के अध्यक्ष प्रदीप महावर, निजी संस्थान के अध्यक्ष मदनलाल शर्मा, पूर्व पालिका उपाध्यक्ष प्रदीप शर्मा, एन एल वर्मा, विरेंद्र दाधीच, महेंद्र तारो लिया, गिर्राज प्रसाद साहू, प्रहलाद वर्मा, गिर्राज प्रजापत, लोकेश रावत, रमेश टोडीवाला, कस्तूरी देवी, कुसुम सैनी, मीना पटवा सहित अनेक लोग मौजूद रहें.


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