तिजारा: भिवाड़ी में प्रदूषण का स्तर पहुंचा 400 के पार, पाबंदियां हो गई शुरू
तमाम पाबंदियों के बावजूद गुरुवार देर शाम प्रदूषण का स्तर 400 के आंकड़े को पार कर गया और गुरुवार पूरे दिन भिवाड़ी के आसमान में प्रदूषण की चादर छाई रही..
Tijara: भिवाड़ी में तमाम पाबंदियों के बावजूद गुरुवार देर शाम प्रदूषण का स्तर 400 के आंकड़े को पार कर गया. गुरुवार पूरे दिन भिवाड़ी के आसमान में प्रदूषण की चादर छाई रही, जिससे आंखों में जलन महसूस होती रही, शाम होते-होते भिवाड़ी में एक्यूआई का स्तर 411 पर पहुंच गया, जिससे एयर कमीशन ने दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे क्षेत्र में ग्रेप के चौथे चरण की पाबंदियां लागू कर दी, जिससे भिवाड़ी की लगभग 5000 से ज्यादा उद्योग इकाइयों पर ताला लटकने की नौबत आ चुकी है. दिल्ली, भिवाड़ी सहित पूरे एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक से भी बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है.
गुरुवार को दिन भर भिवाड़ी में प्रदूषण के बादल छाए रहे. भरी दुपहरी में भी डेढ़ सौ से दो सो मीटर आगे विजिबिलिटी ना के बराबर देखने को मिली. दोपहर में भिवाड़ी का AQI 360 दर्ज किया गया तो वहीं शाम होते-होते देर रात 9:00 बजे यह 417 पर पहुंच गया. प्रदूषण का यह स्तर बहुत ही खतरनाक माना जाता है. 1 दिन पूर्व दिल्ली में AQI का स्तर 450 दर्ज किया गया था, जिस पर गुरुवार को दिल्ली एयर कमीशन की समीक्षात्मक बैठक आयोजित हुई, जिसमें दिल्ली सहित पूरे क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए ग्रेप के चौथे चरण के नियमों की पाबंदियां लागू कर दी गई है.
ग्रेप के चौथे चरण की लगाई गई पाबंदियों के तहत पूरे एनसीआर रीजन में सभी प्रकार की कंपनियों को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं. इनमें आवश्यक वस्तुओं और आवश्यक सेवाओं को कुछ छूट प्रदान की गई है. साथ ही दिल्ली में भारी वाहनों के प्रवेश पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी गई है. दिल्ली के एनसीटी और दिल्ली की सीमा से लगे एनसीआर जिलों में डीजल से चलने वाले चार पहिया वाहनों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है. साथ ही बीएस 6 वाहनों को इसमें छूट दी गई है. दिल्ली सहित पूरे एनसीआर रीजन में निजी और सरकारी सभी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है. साथ ही संबंधित राज्य सरकारें स्कूलों, कॉलेजों, शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने और गैर आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद करने और ओड इवन आधार पर वाहनों को चलाने जैसे निर्णय भी ले सकती है.
साथ ही वहीं एयर कमीशन ने जारी किए गए अपने आदेशों में कुछ सावधानियां बरतने के भी निर्देश दिए हैं, जिसमें बच्चे, बुजुर्ग और श्वसन, हृदय, मस्तिष्क सहित पुरानी बीमारी वाले लोगों को बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है. जितना हो सके घर के अंदर रहकर ही काम करने की बात कही गई है. एयर कमीशन के द्वारा जारी किए गए आदेशों में बताया गया है कि 6 नवंबर से वायु गुणवत्ता में सुधार की संभावना जताई जा रही है. उप समिति 6 नवंबर को फिर से वायु गुणवत्ता की समीक्षा करने के लिए एक बैठक का आयोजन करेगी और उसके बाद किए जाने वाले ग्रेप के उपाय पर उचित निर्णय लेगी.
यूं हुए ग्रेप के चारों चरण लागू
दिल्ली सहित एनसीआर में एयर कमीशन ने 4 चरणों में सिलसिलेवार उप समिति की बैठकें आयोजित कर ग्रेप के 1 से लेकर 4 चरणों को लागू किया है, जिसमें 5 अक्टूबर को पहला चरण, 19 अक्टूबर को दूसरा चरण तो वहीं 29 अक्टूबर को ग्रेप का तीसरा चरण लागू किया गया और 3 नवंबर को प्रदूषण जब बेहद खतरनाक स्थिति पर पहुंचा तो एयर कमीशन ने ग्रेप के चौथे चरण के नियमों को लागू कर दिया, इससे आगे अब 6 अक्टूबर को उप समिति की बैठक आयोजित की जाएगी और उस समीक्षात्मक बैठक के दौरान आगे के लिए निर्णय लिए जाएंगे.
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