बारां: बाढ़ के उफान से धराशायी हुए किसानों के अरमान, फसल खराबे की सताने की लगी चिंता
अतीश कुमार शर्मा, उपनिदेशक कृषि विस्तार बारां का कहना है कि कृषि अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया है, लेकिन नुकसान को लेकर अभी कुछ भी कहना उचित नहीं है. टीमों की रिपोर्ट मिलने के बाद ही नुकसान का आंकलन हो सकेगा.
Baran: बारां में अतिवृष्टि और नदियों में उफान से हुए खराबे के बाद प्रशासन ने सर्वे शुरू कर दिया गया है. कृषि अधिकारियों की टीम ने प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच फसल खराबे का जायजा ले रहे इन अधिकारियों का कहना है कि जिले पार्वती, परवन और कालीसिंध नदियों से सटे गांवों में अधिक खराबा हुआ है.
जिले के अन्य क्षेत्रों में फसलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है हालांकि जिन खेतों में पानी का भराव हुआ है, उसका जल्द निकास नहीं किया गया तो फसल खराबे की संभावना बन सकती है. प्रत्येक पटवार मंडल पर चार जनों की एक कमेटी बनाई गई है, जो खराबे की रिपोर्ट तैयार करेगी. जिले में इस वर्ष करीब 3.43 लाख हैक्टेयर में खरीफ की फसलों की बुवाई हुई है. इसमें सर्वाधिक 2.44 लाख हैक्टेयर में सोयाबीन की हुई है.
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कृषि अधिकारियों का कहना है कि जिले में लगभग 950 मिमी औसत बारिश होती है लेकिन इस साल गत 1 जून से अब तक 870 मिमी बारिश हुई है. गत वर्ष पूरे जिले में अतिवृष्टि होने से खरीफ की सोयाबीन समेत अन्य फसलों में खासा खराबा हुआ था. ऐसे में इस वर्ष जिले में समान रूप से खराबा नहीं हुआ है लेकिन जिले से होकर बहने वाली पार्वती, परवन और कालीसिंध नदियों के अलावा अन्य छोटी, बड़ी नदियों में जोरदार उफान से इनके क्षेत्र की फसलों में व्यापक खराबा हुआ है.
चार सदस्यीय कमेटी का गठन
जिला प्रशासन ने राज्य सरकार के प्रावधान के तहत फसल खराबे के सर्वे के लिए प्रत्येक पटवार मंडल में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इसमें पटवारी, कृषि पर्यवेक्षक, बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि के अलावा एक किसान प्रतिनिधि को शामिल किया गया है. यह समिति शीघ्र ही जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट जिला कलक्टर को प्रस्तुत करेगी.
अतीश कुमार शर्मा, उपनिदेशक कृषि विस्तार बारां का कहना है कि कृषि अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया है, लेकिन नुकसान को लेकर अभी कुछ भी कहना उचित नहीं है. टीमों की रिपोर्ट मिलने के बाद ही नुकसान का आंकलन हो सकेगा.
Reporter- Ram Mehta
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