Barmer: देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में देशभर में इन दिनों आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है. सीमावर्ती बाड़मेर जिले में पाक विस्थापित ज्ञानचंद मेघवाल को भारतीय नागरिकता मिलने के बाद पहली बार परिवार सहित कई लोगों के साथ मिलकर घर पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहरा कर भारतीय होने का गौरव मिलने पर खुशी का इजहार किया है. 


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गौरतलब है कि पाकिस्तान निवासी ज्ञान चंद मेघवाल वर्ष 2013 में भारत आए थे और 2017 में उनकी शादी जोधपुर में हो गई और उसके बाद ज्ञानचंद अपने पत्नी रिंकू और परिवार के साथ बाड़मेर शहर के इंदिरा नगर में रहता है. ज्ञानचंद को भारतीय नागरिकता मिली है, ज्ञानचंद ने आज अपने घर पर तिरंगा फहराकर भारतीय नागरिकता मिलने की खुशी जाहिर की है. 


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ज्ञानचंद की पत्नी रिंकू का कहना है कि जब तक मेरे पति को नागरिकता नहीं मिली थी तब तक मैं काफी परेशानी होती थी लेकिन अब नागरिकता मिली है तो हम काफी खुश हैं कि मेरे पति अब भारतीय हो गए है. 


पाक विस्थापित ज्ञानचंद बताते हैं कि आज मेरे लिए बहुत ही बड़ा दिन है कि नागरिकता मिलने के बाद भारत की आन बान और शान राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा अपने घर पर लहराकर आजादी का जश्न मना रहा है. ज्ञानचंद के आजादी के जश्न में पाक विस्थापित संघ के जिला अध्यक्ष नरपत सिंह, चौहटन प्रधान रूपाराम सारण सहित आस-पास के कई लोग उनके घर आकर उन्हें बधाई दी और मिठाई भी खिलाई है.


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