Harish choudhary Barmer : अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पंजाब प्रभारी व बायतु विधायक हरीश चौधरी ने सोमवार को बायतु में आयोजित कार्यक्रम में आमजन को सम्बोधित करते हुए कहा कि जनता के हक और भागीदारी पर जयपुर और दिल्ली में बैठे बड़े लोगों की नजर बनी रहती है. चौधरी ने कहा कि धरातल में जनहित के कार्यों में ऊपर के लोग विवाद पैदा कर काम अटका देते है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ऊपर के लोग भले ही सौ बार नाराज हो जाये मगर सही बात कहने में मुझे कोई ऐतराज नहीं. मेरे परिवार में कोई वार्ड पंच भी नहीं था, आप लोगों की मेहरबानी, मदद से सांसद और विधायक बना.


जयपुर, दिल्ली के लोगों को तकलीफ


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हरीश चौधरी ने बिना नाम लिए जयपुर और दिल्ली की राजनीति करने वालों पर आरोप लगाते हुए कहा कि आज जयपुर और दिल्ली में बैठने वाले बड़े लोगों के पेट में तकलीफ है कि सामान्य परिवार से आने वाला हरीश चौधरी दिल्ली तक क्यों पहुंचा.


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बड़े लोगों की अटकलें नहीं होगी कामयाब


बायतु मुख्यालय पर सौ बेड अस्पताल के शिलान्यास कार्यक्रम में बायतु विधायक चौधरी ने कहा कि  रिफाइनरी के निर्माण के सीएसआर बजट के दो प्रतिशत हिस्से से सम्बंधित क्षेत्र में विकास कार्य करवाने चाहिए मगर उसमें भी विवाद पैदा कर अस्पताल जैसे विकास कार्यो को भी अटकाने, लटकाने व भटकाने में कोई कसर नहीं रखी जाती है. हरीश चौधरी ने  कहा कि ये बायतू का इलाका है यहां बड़ी ताकतों की अटकलें ज्यादा काम नहीं आती. बायतू की जनता खुद फैसला लेती है. जमीन खिसकाना या जमीन जमाने का काम बायतु की जनता तय करेगी. उन्होंने कहा कि यह बायतु है, बायतु की जनता चाहेगी तो विधायक बन जाऊँगा. बायतु की जनता का निर्णय ही सर्वोपरि रहेगा.


पूर्व सैनिकों को भी मिले हक


हरीश चौधरी ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर कहा कि हमारी जो भी मांग थी वो जायज मांग थी. लेकिन भूतपूर्व सैनिकों को भी उनका हक मिलना चाहिए. जब सेना में भर्ती होती है तो किसी की जाति या धर्म नहीं पूछा जाता है. ऐसे में उनका 12.5 प्रतिशत का हक उनको मिलना चाहिए.



स्थानीय विकास में खर्च हो सीएसआर फंड


हरीश चौधरी ने कहा कि बाड़मेर जिले में जितने भी बड़े प्रोजेक्ट चल रहे है. कानून से सीएसआर का दो प्रतिशत पैसा गाँव के विकास में लगना आवश्यक है मगर उस पैसे का यहाँ पर विकास नहीं हो इसके लिए जयपुर और दिल्ली में बैठे लोग विवाद पैदा करते हैं ताकि इसका हक यहां स्थानीय जनता को नहीं मिल सके. जबकि सीएसआर फंड ( CSR Fund ) का यह इतना पैसा है कि बायतु के साथ पचपदरा, सिवाना, शिव, चौहटन और बाड़मेर की भी चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ किया जा सकता है. सीएसआर के पैसे के हक से हमको वंचित करने के लिए हमारे अंदर आपस मे विवाद पैदा करवाते हैं.


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