राजस्थान में अगले 7 दिन में होगा बदलाव, आलाकमान ने गहलोत पायलट से की ये फाइनल चर्चा
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राजस्थान में अगले 7 दिन में होगा बदलाव, आलाकमान ने गहलोत पायलट से की ये फाइनल चर्चा

Rajasthan Samachar : राजस्थान कांग्रेस में चुनावी साल को देखते हुए जनवरी महीने में बड़े बदलाव होने वाले है. प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इस बारे में सचिन पायलट से लेकर अशोक गहलोत और सीपी जोशी से जयपुर में विस्तार से चर्चा की है. अगले कुछ ही दिनों में जोधपुर से लेकर भरतपुर धौलपुर और अजमेर से लेकर अलवर तक इसका असर देखने को मिलेगा. पढ़िए पूरी रिपोर्ट

राजस्थान में अगले 7 दिन में होगा बदलाव, आलाकमान ने गहलोत पायलट से की ये फाइनल चर्चा

Rajasthan news : राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले अब कांग्रेस पूरी तरह से एक्टिव हो गई है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान से निकलते ही कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा पूरी तरह से एक्टिव हो गए है. करीब 5 दिन तक जयपुर में तमाम पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात के बाद सीपी जोशी से हुई एक मुलाकात और अशोक गहलोत सचिन पालयट के साथ हुई अलग से चर्चा के बाद अब अगले कुछ ही दिनों में राजस्थान कांग्रेस के संगठनात्मक पदों पर भर्ती होना तय माना जा जा रहा है.

राजस्थान में कांग्रेस संगठन के कई जिला अध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों के पद खाली पड़े है. चुनाव में अब सिर्फ 10 महीने का समय बचा है. ऐसे में संगठन को एक्टिव करने के लिए जरुरी है कि ब्लॉक और जिला अध्यक्षों के पद भरे जाएं.

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सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मेरी पहली प्राथमिकता संगठन को मजबूत करना है. उसके लिए आने वाले दिनों में ब्लॉक, जिला और प्रदेश कार्यकारिणी में खाली पड़े पदों को भरा जाएगा. इस बयान के बाद रंधावा ने अशोक गहलोत से लेकर सचिन पायलट और सीपी जोशी से अलग से मुलाकात की थी. जिसका असर भी देखने को मिला कि जिन विधायकों ने 25 सितंबर को इस्तीफे दिए थे वे सभी लोग इस्तीफे वापिस लेने पहुंच गए.

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दरअसल राजस्थान में आए सियासी संकट के समय सचिन पायलट पीसीसी चीफ थे. पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया को पूरी कार्यकारिणी ही भंग हो गई. उसके बाद गोविंद सिंह डोटासरा को ये पद दिया गया था. अशोक गहलोत सरकार अपना आखिरी बजट पेश करने जा रही है और जयपुर से लेकर जोधपुर और जैसलमेर बाड़मेर से लेकर भरतपुर धौलपुर तक संगठन को सक्रिय करने के लिए कांग्रेस आलाकमान सबसे पहले खाली पड़े पदों को फिर से भरना चाहता है.

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