भरतपुर: कुलदीप जघीना हत्याकांड, 7 दिन बाद भी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर
Bharatpur latest news: राजस्थान क रतपुर में 12 जुलाई को हुए कुलदीप जघीना हत्याकांड के 7 दिन बाद भी मुख्य आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. अब कुलदीप के परिजन मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए गुहार लगा रहे हैं.
Bharatpur news: राजस्थान क रतपुर में 12 जुलाई को हुए कुलदीप जघीना हत्याकांड के 7 दिन बाद भी मुख्य आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. अब कुलदीप के परिजन मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए गुहार लगा रहे हैं. अब परिजनों की मांग है की, कृपाल के भाई कांस्टेबल रविंद्र और उसके साथी कांस्टेबिल पुष्कर सिंह को गिरफ्तार किया जाए. हलैना थाना पुलिस के सामने कुलदीप की हत्या कर दी गई. सभी बदमाशों पर आतंकवादी की धारा लगाई जाए. अब जब तक कृपाल के कांस्टेबल भाई रविंद्र और उसके साथी पुष्कर सहित मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कल से एसपी ऑफिस पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जायेगा.
कुलदीप के हत्यारों पर आतंकवादियों धारा लगाई जाए
कुलदीप की बहन ऋचा ने बताया की, कुलदीप की हत्या के दौरान आरोपी बस से उतरते चढ़ते रहे, लेकिन पुलिस ने कोई जबाबी कार्रवाई नहीं की, बस में चीख पुकार मच रही थी. मेरे भाई कुलदीप तो चला गया, लेकिन बस में बुजुर्ग, महिला, बच्चे थे, अगर उन्हें कुछ भी हो जाता तो उसका जिम्मेदार कौन होता ? बस में तीन यात्रियों के गोली भी लगी थी. उसमें किसी की जान चली जाती तो उसका जिम्मेदार कौन था ? ऐसे आरोपियों पर आतंकवादी की धारा लगाई जाए.
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इसमें मुख्य भूमिका कृपाल के भाई रविंद्र की है. वह पुलिस में होने का फायदा उठाता है. उसका एक साथी है पुष्कर जो हलैना थाने में तैनात है. इस हत्याकांड में मुख्य भूमिका रविंद्र और पुष्कर ने रची है. हाईकोर्ट ने भी टिप्पड़ी की है, कुलदीप की पेशी वीडियो कोंग्रेसिंग के जरिए होनी थी. उसके बाद भी कुलदीप को पेशी के लिए लाया गया.
हत्या में हमारा परिवार आरोपी नहीं
कृपाल हत्याकांड में हमारा परिवार मुल्जिम होता तो, उस समय सीओ सिटी के पद पर तैनात सीओ सिटी सतीश वर्मा सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर ले गए थे. जिसमें साफ़ दिखाई दे रहा था की, पिता कुंवरजीत सिंह घर पर ही थे लेकिन वह डीवीआर कहीं भी शो नहीं की गई. हमारा परिवार मुल्जिम होता तो हम भी फरार हो जाते, जिस तरह अब कृपाल का परिवार फरार हो गया है.
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यह एक सोची समझी साजिश है. कुलदीप हत्याकांड में मुख्य भूमिका कृपाल के भाई रविंद्र ने निभाई है, क्योंकि वह पुलिस में तैनात है उसे पूरी कार्रवाई का पता है की पुलिस कैसे कौनसी कार्रवाई करती है, और कैसे बचा जाता है. रविन्द्र ने खुद को ऑन ड्यूटी शो किया है.
आंखों में मिर्ची डालने की कहानी पुलिस ने बनाई
कुलदीप की हत्या के दौरान जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने कुछ नहीं किया. हलैना थाने की एस्कॉर्ट पीछे खड़ी थी. उसने कोई कार्रवाई नहीं की, वह सिर्फ पीछे खड़े होकर तमाशा देख रहे थे. पुलिसकर्मियों के आँखों में मिर्ची पाउडर वाली बात झूठी है कोई मुर्ची पाउडर नहीं डाला गया.
आराम से बदमाश चढ़ते उतरते रहे, और वारदात को अंजाम देते रहे. चालानी गार्ड ने कुलदीप को सीटों से बांध दिया था, और खुद बस के केबिन में जाकर बैठ गए.इतने बड़े कांड के बाद भी इस वारदात में मूकदर्शक बने रहे किसी भी पुलिसकर्मियों को और हत्याकांड में शामिल पुलिस कर्मियों पर कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई.
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कृपाल कोई बीजेपी नहीं था
कुलदीप की मां ने कहा की, कृपाल को बीजेपी नेता बताया जा रहा है, और मेरे बेटे को बीजेपी नेता का हत्यारा, किसी ने देखा क्या मेरे बेटे को हत्या करते हुए. किसी के पास कोई प्रूफ हैं क्या मेरे बेटे ने कृपाल की हत्या की, कृपाल कोई बीजेपी नेता नहीं था. कृपाल पर केस दर्ज थे. जैसे चोरी, लूट, अवैध वसूली, अवैध कब्ज़ा करना यह कृपाल का काम था. कृपाल के बेटे को भी बीजेपी नेता बताया जा रहा है. कुलदीप 25 प्रांतों का प्रमुख था.
हत्याकांड के दौरान बस उतरने वाली महिला कृपाल की पत्नी
कुलदीप की हत्या के दौरान जो महिला बस से उतरती हुई दिखाई दे रहे है, वह कृपाल की पत्नी है. जो लड़का नकाबपोश बस के अंदर बैठा था उसकी चलानी गार्डों ने तलाशी नहीं ली, कुलदीप ने कंट्रोल रूम में भी फोन किया, लेकिन पुलिस ने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की, चालानी गार्डों को सस्पेंड किया जाए.