भरतपुर का वो गोलीकांड, जिसने राजस्थान की पुलिस प्रणाली पर खड़े कर दिए सवालिया निशान
Bharatpur news: जिस घटना ने भरतपुर को प्रदेश ही नहीं देश में चर्चा में ला दिया, जयपुर-आगरा नेशनल हाइवे स्थित आमोली टोल प्लाजा पर कुछ बदमाशों ने पहले तो रोडवेज बस को एस्कार्ट कर रही हलैना थाना की पुलिस टीम पर मिर्च से स्प्रे किया और फिर रोडवेज बस को घेर कर उस पर ऐसे फायरिंग की, कि लोगों को लगा कि बस पर आतंकी हमला हुआ है.
Bharatpur: जिस घटना ने भरतपुर को प्रदेश ही नहीं देश में चर्चा में ला दिया, जयपुर-आगरा नेशनल हाइवे स्थित आमोली टोल प्लाजा पर कुछ बदमाशों ने पहले तो रोडवेज बस को एस्कार्ट कर रही हलैना थाना की पुलिस टीम पर मिर्च से स्प्रे किया और फिर रोडवेज बस को घेर कर उस पर ऐसे फायरिंग की, कि लोगों को लगा कि बस पर आतंकी हमला हुआ है और चालक परिचालक सहित बस में मौजूद सवारियों को जान बचाने के लिए, जहां जगह मिली वह वहां छुप गया और 10 मिनट के घटनाक्रम के बाद लोगों की समझ में आया कि इस बस पर हमला बस में पुलिस अभिरक्षा में जयपुर से भरतपुर पेशी पर आ रहे दो हार्डकोर क्रिमिनल कुलदीप जघीना और विजयपाल की हत्या के लिये किया गया है.
कुलदीप जघीना की हुई थी मौत
इस गोलीकांड में कुलदीप जघीना की मौत हो गई. वहीं दिन दहाडे हुए इस गोली कांड की गोलियों की गूंज पीएचक्यू से लेकर मुख्यमंत्री के कानों तक पहुंची और फोन घनघनाने लगे, दिन दहाड़े हुई इस घटना ने भरतपुर ही नहीं पूरे प्रदेश के पुलिस महकमे को हिला दिया, घटना की खबर जैसे ही भरतपुर एसपी मृदुल कच्छावा तक पहुंची तो वह डिवीजनल कमिश्नर ऑफिस में हो रही मीटिंग को छोड़कर तुरंत घटनास्थल के लिये रवाना हुए और फायरिंग में घायल कुलदीप जघीना, विजयपाल को पुलिस पहरे में जिला अस्पताल पहुंचाया. जहां डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद कुलदीप जघीना को मृत घोषित कर दिया.
इस बीच यह खबर सोशल मीडिया सहित पूरे प्रदेश में आग की तरह फैल गई. मृतक कुलदीप जघीना के परिजन, समर्थक और ग्रामीण बड़ी संख्या में अस्पताल में जमा हो गए. टोल पर मौजूद सीसीटीवी कैमरे को देख पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर ली और पूरे जिले में हाईअलर्ट कर वायरलैस पर मैसेज किया गया कि एक अपाची बाइक ,एक बेलोनो कार और एक क्रेटा सवार बदमाशो ने टोल प्लाजा पर रोडवेज बस पर फायरिंग की वारदात को अंजाम दिया है.
आरोपियों को पकड़ने के लिए बनाई गईं टीमें
जिस पूरे जिले में ए क्लास नाकाबंदी कराकर आरोपियो को पकड़ने के लिये टीम एएसपी मुख्यालय बृजेश ज्योति उपाध्याय के नेतत्व में रवाना की गई और बड़ी सफलता यह रही, कि इस टीम ने महज 3 घण्टे में ही रुदावल थाने के डांग इलाके से 4 आरोपियो को धर दबोचा, मुठभेड़ के दौरान दो आरोपियों के पैर में गोली लगी.
पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल किये गए कुछ हथियार और दो गाड़ियों को भी बरामद कर लिया. पूरे मामले में अभी तक पुलिस 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है और 4 आरोपियों पर 25-25 हजार का ईनाम घोषित कर दिया. इस मामले में 3 अलग अलग एफआईआर दर्ज की गई है. एक मृतक कुलदीप जघीना के ताऊ धर्मवीर जघीना की ओर से दूसरी कुलदीप जघीना को पेशी पर लाने वाली जयपुर कमिश्नरेट की चालानी गार्ड की तरफ से और तीसरी बस को एस्कार्ट कर रही पुलिस टीम की तरफ से,तीनो एफआईआर हलैना पुलिस थाने में दर्ज की गई है.
बदला लेने के लिए की गई हत्या
एसपी भरतपुर मृदुल कच्छावा ने बताया कि गेंगस्टर कुलदीप जघीना हत्या कृपाल की हत्या के बदला लेने के लिए की गई है. जिसमें कृपाल का भतीजा और उसके करीबी दोस्त शामिल है. कुलदीप जघीना ने 4 सितंबर को अपने साथियों के साथ मिलकर जघीना गेट पर कृपाल जघीना को गोलियों से भूनकर उसकी हत्या कर दी थी. कृपाल जघीना हत्याकांड में ही कुलदीप जघीना जयपुर जैल में बन्द था और उसी मामले में न्यायालय के आदेश पर कोर्ट में पेशी पर आ रहा था तो कृपाल की हत्या का बदला लेने के लिये पहले से घात लगाए बदमाशों ने इस वारदात को अंजाम देकर उसकी हत्या कर दी.जिसकी साजिश में अभी तक 13 से 14 लोगों के नाम शामिल आये है. क्योंकि कुलदीप जघीना की हत्या न्यायायिक अभिरक्षा में हुई इसलिये उसकी ज्युडिशल इन्क्वारी अलग से हो रही है साथ ही भरतपुर पुलिस अपनी अलग जांच कर रही है. इसके साथ ही डीजीपी उमेश मिश्रा के निर्देश पर आईजी क्राइम ब्रांच प्रफुल्ल कुमार अलग से जांच कर रहे है. जो कि अब तक टोल पर मौजूद कार्मिक रोडवेज चालक परिचालक व पुलिस कर्मियों सहित 100 से अधिक लोगों के बयान ले चुके है.
भरतपुर क्यों बना बदलापुर
एक ही गांव जघीना के दो हिस्ट्रीशीटर व गैंगस्टर की कहानी भी बहुत दिलचस्प है, क्योंकि दोनों ही अपराध की दुनिया जुड़े हुए थे. छिटपुट अपराधों से शहर में खौफ पैदा करने वाला गैंगस्टर कुलदीप बड़े प्रॉपर्टी डीलरों के साथ भी ताल्लुक रखता था. महज कुछ सालों के अंदर उसने शहर में पॉश इलाकों में भूखंडों पर कब्जा कर करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी बना ली. शराब ठेका से लेकर महंगी जमीनों में निवेश के साथ ही वह विवादित जमीनों की सौदेबाजी में भी कदम रख चुका था. भाजपा नेता कृपाल सिंह जघीना भी शहर के कोतवाली थाने का हिस्ट्रीशीटर रह चुका था.
गैंगस्टर कुलदीप जघीना के परिवार व भाजपा नेता कृपाल सिंह जघीना के परिवार के बीच अच्छे संबंध थे. कुलदीप के कुछ विवादों में कृपाल ने ही राजीनामा कराया था, लेकिन काली की बगीची के पास स्थित एक विवादित भूखंड में शेरा पहलवान के साथ कृपाल सिंह की साझेदारी कुलदीप को रास नहीं आई. कुलदीप ने 23 अगस्त 2022 को फोन कर कृपाल जघीना को इस भूखंड से दूर रहने को कहा था. इसके बाद 28 अगस्त को दोनों के बीच रेलवे स्टेशन पर झगड़ा हुआ था. यहां से इस गैंगवार की शुरुआत हुई. क्योंकि कुलदीप विवादित भूखंड का सौदा अन्य भूमाफियाओं के साथ कर चुका था. उस समय भी मामला प्रशासन व पुलिस के सामने आया था, लेकिन विवादित भूखंड की जानकारी के बाद भी बेपरवाह अफसरों ने चुप्पी साधे रखी. इससे भूखंड की यह लड़ाई एक ही गांव के दो परिवारों के बीच हत्याकांड में बदल गई. इस भूखंड की कीमत 35 करोड़ बताई जा रही है.
दोनों हिस्ट्रीशीटरों को गंवानी पड़ी जान
बदले की आग 10 माह 8 दिन तक जली. बेशकीमती जमीन पर चौधराहट को लेकर जंग छिड़ी तो दोनों ही हिस्ट्रीशीटरों को जान से हाथ धोना पड़ा. कृपाल की हत्या हुई तो कुलदीप की जान सलाखों में तो सुरक्षित रही, लेकिन उसे जेल से बाहर निकालने को साजिश रची गई. एक मेल के जरिए कुलदीप को पेशी पर लाया गया. यह भी सोची समझी रणनीति के तहत हुआ. एक दिन पहले बदलापुर की स्क्रिप्ट पर मुहर लगी. हत्या में शामिल रहे आरोपियों की एक दिन पहले की लोकेशन कोर्ट परिसर में बताई जा रही है.
पुलिस ने कुलदीप हत्याकांड में बबलू मालीपुरा, सौरभ लुलहारा, विष्णु जाट और धर्मराज को पकड़ा है. विष्णु और बबलू पुलिस कार्रवाई के दौरान चोटिल हुए थे, जिन्हें धौलपुर शिफ्ट कर दिया गया. पुलिस ने खेरिया मोड़ से घटना में काम में ली गई कार को भी बरामद कर लिया है. कुलदीप के परिजनों ने पुलिस को दी एफआईआर में आरोप लगाया है कृपाल के दोस्त लोकेन्द्र उर्फ लॉकी, भतीजे पंकज, बेटा आदित्य, आदित्य का दोस्त सौरभ लुलहारा शामिल रहे हैं.
पंकज और लोकेन्द्र सीसीटीवी फुटेज में नजर आए हैं, जबकि आदित्य की लोकेशन हत्याकांड के दौरान कोर्ट परिसर में बताई जा रही है. कुलदीप के परिजन और कुटुम्बजन का आरोप है कि पुलिस के पास हथियार थे, लेकिन बदमाशों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया, जबकि विशेष परिस्थिति में जान बचाने की खातिर पुलिस को गोली चलाने का अधिकार है, लेकिन इस मामले में पुलिस चुप्पी साधे रही. पुलिस ने आत्मरक्षा में रुदावल में तो गोली चलाई, लेकिन टोल प्लाजा पर पुलिस ने हथियार नहीं उठाए.
पुलिस जयपुर से कुलदीप और विजयपाल को पेशी के लिए राजस्थान रोडवेज की बस से भरतपुर ला रही थी. आरोपियों को अलग-अलग सीटों पर दो-दो जवानों के बीच बैठा रखा था. कमालपुरा के पास भुसावर पुलिस की गाड़ी पीछे-पीछे बस को एस्कॉर्ट करती हुई आ रही थी. हलैना थाना सीमा से हलैना थाने की गाड़ी पीछे एस्कॉर्ट करते हुए आ रही थी.
रोडवेज बस पर बदमाशों ने की फायरिंग
सुबह करीब 11.55 बजे जैसे ही रोडवेज बस टोल प्लाजा में घुसी बस के रुकते ही 8-10 बदमाश बस के अन्दर घुस गए और पुलिसकर्मियों की आंखों में मिर्च पाउडर फेंक दिया. इसके बाद जाब्ता और आरोपियों के ऊपर बदमाशों ने जान से मारने की नीयत से अंधाधुंध फायरिंग करना शुरू कर दिया. कुछ बदमाश बस के बाहर से फायरिंग कर रहे थे. इस दौरान कुलदीप व विजयपाल के गोलियां लग गई थी.
रोडवेज बस में बैठी हुई सवारियों में भगदड़ मच गई. इसके बाद फायरिंग करते हुए बदमाश बस से बाहर निकल गए. रिपोर्ट में कहा है कि हम सभी बस में घायल आरोपियों को बाहर निकालने में व्यस्त हो गए. बदमाश गाड़ी व मोटरसाइकिल से भरतपुर की ओर भाग गए.
ये भी पढ़ें...
टेस्ट में पहला शतक ठोकने के बाद "राजस्थान रॉयल्स" के शेर का इस अंदाज में हुआ स्वागत