आशीष चौहान/जयपुर: राजस्थान में चुनाव से पहले अशोक गहलोत ने एक और दाव लगाया है. राजस्थान की जनता को सरकार ने वाटर चार्जेज से मुक्त कर दिया गया है. केवल ग्रामीण परियोजना से जुडे उपभोक्ताओं को ही नहीं, बल्कि शहरों से भी वाटर चार्जेंज खत्म करने का ऐलान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर दिया है. ग्रामीण परियोजना से जुडे उपभोक्ताओं को 3 रूपए 85 पैसे प्रतिलीटर वाटर चार्जेज देना होता था, जिसमें करीब करीब एक उपभोक्ता का बिल साढे 55 रूपए तक आता था, लेकिन अब उपभोक्ताओं को केवल साढे 27 रूपए रिनोवेशन चार्जेंज ही देना होगा. कुल मिलाकर ग्रामीण उपभोक्ताओं को मुफ्त में पानी मिलेगा. इससे गांव की 2 करोड़ 8 लाख से ज्यादा आबादी को बडी राहत मिलेगी. 


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इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शहरी उपभोक्ताओं को भी बडी राहत दी है. शहरी उपभोक्ताओं को पानी के बिलों में कुल 58 फीसदी का फायदा होगा. उपभोक्ताओं को अब 20 फीसदी वाटर चार्जेज,13 फीसदी सीवरेज, 25 फीसदी डवलमेंट चार्जेज नहीं देना पडेगा. ग्रामीण उपभोक्ताओं की तरह शहरी उपभोक्ताओं को भी केवल रिनोवेशन टार्जेज देना होगा. सरकार के फैसले से करीब 56 लाख आबादी को फायदा मिलेगा. पानी के उपभोक्ताओं के चार्जेज माफ करने पर सरकार पर करीब 161 करोड रूपए का सालाना भार आएगा.


कौन से उपभोक्ता इसके दायरे में आएंगे
सरकार ने घोषणा की है कि ग्रामीण परियोजना से जुड उपभोक्ताओं को 40 एलपीसीडी तक वाटर चार्जेंज माफ होंगे. इसका मतलब 40 लीटर प्रति लीटर प्रतिदिन पर वाटर चार्जेंज नहीं देंना पडेगा. ग्रामीण परियोजना में उपभोक्ताओं को 3.85 रूपए प्रति लीटर चार्जेंज देना होता है,जिससे अब वे पूरी तरह से मुक्त हो जाएगा.


वहीं सरकार ने शहर में 15 केएल तक पानी इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को भी राहत दी है. 15 केएल मतलब 15 हजार लीटर उपयोग करने पर उपभोक्ताओं को वाटर चार्जेंज नहीं देना होगा. उपभोक्ताओं को 2.20 रूपए प्रतिलीटर वाटर चार्जेंज नहीं देना होगा.


इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्देश दिए है कि राजस्थान में जलदाय विभाग की ओर से विशेष अभियान चलाया जाए और खराब पानी के मीटरों को सुधारा जाए.जलदाय विभाग 2 साल तक विशेष अभियान चलाकर खराब पानी के मीटरों को बदलेगी. जयपुर में करीब 27 लाख कनेक्शन है,जिसमें से 50 फीसदी पानी के मीटर खराब पडे है.