जयपुर/ आशीष चौहान: राजस्थान में एक बार फिर आरक्षण के आईने में आंदोलन की सीधी तस्वीर दिखाई देने लगी है. आरक्षण की आग में एक बार फिर गुर्जरों ने सरकार के खिलाफ गुस्सा उगलना शुरू कर दिया है और इसी गुस्से की ज्वाला के बीच अब आंदोलन की तारीख की घोषणा भी कर दी गई. सवाईमोधापुर के मलारना डूंगर स्टेशन से 8 फरवरी को गुर्जर आंदोलन का बिगुल बजेगा.


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गुर्जर आंदोलन के मुखिया किरोड़ी सिंह बैंसला ने आंदोलन के ऐलान के साथ साथ ये साफ कर दिया कि इस बार टेबल पर कोई बातचीत नहीं होगी. जहां पर समाज आंदोलन करेगा, वहीं टेबल लगेगी और वहीं बातचीत होगी. 5 फीसदी आरक्षण को लेकर आंदोलन पर उतारू हुए गुर्जरों ने इस बार 50 फीसदी के बाहर आरक्षण की बात कही. सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के बाद में राजस्थान में आरक्षण का दायरा 50 फीसदी से बढ़कर 60 फीसदी हो जाएगा, ऐसे में कर्नल बैसला इस दायरे में आरक्षण की मांग पर अड़े हुए है.


बूंदी के नैनवां में हुई महापंचायत के बाद कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने आंदोलन के ऐलान के साथ साथ ये भी साफ कर दिया है कि इस बार गुर्जर सरकार से कोई वार्ता नहीं करेंगे. कर्नल किरोड़ी बैंसला का कहना है कि "10 फीसदी केंद्र सरकार द्धारा 10 दिन में आरक्षण दे दिया गया. जिसके बाद गुजरात ने भी आरक्षण लागू कर दिया है. ऐसे में गुर्जरों को आरक्षण क्यो नहीं मिल सकता. उनका कहना है कि मुझे पांच फीसदी आरक्षण नहीं मिला, हम सबक सिखा देंगे. मेरा अनुरोध है कांग्रेस के हाईकमान से कि हमे हमारा हक दिलाए. कर्नल बैंसला ने प्रियकां गांधी से भी अनुरोध किया है गुर्जर आरक्षण पर आप गंभरी होवे. उनका कहना है कि जो हमारी देखभाल करेगा हम उनकी देखभाल करेंगे. "


कर्नल बैंसला का ये भी कहना था कि "आरक्षण हमारा हक है, इसके लिए मेरे हाथ मजबूत करें. प्रदेश में 26 बालिका आवासीय स्कूल खुले, जिनसे बालिका शिक्षा का स्तर बढ़ा. इस बार टेबल पर समझौता नहीं होगा, समाज के सामने वार्ता होगी. कर्नल बैंसला की घोषणा पर महापंचायत में समाजजनों ने हाथ खड़े कर उनका समर्थन किया. हालांकि, अब तक सरकार से वार्ता का कोई भी प्रस्ताव गुर्जरों के पास नहीं आया है, लेकिन सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भवंरलाल मेघवाल ये कह चुके है कि जल्द ही गुर्जरों से वार्ता कर समाधान निकाला जाएगा. "


आपको बता दें कि आंदोलन की शुरूआत गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र सवाईमाधोपुर से होगी. सबसे बड़ी बात ये कि मलारना डूंगरपुर स्टेशन के बेहद नजदीक आंदोलन की शुरूआत करने जा रहा है. ऐसे में सरकार जल्द ही रेलवे ट्रैक के आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा सकती है.