Bhilwara News: सहायक विकास अधिकारी की टेबल देख उखड़े डीएम,चार्टशीट देने का दिया आदेश
Bhilwara News: जहाजपुर जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत ने आज तहसील एवं पंचायत समिति कार्यालय का निरीक्षण किया.निरीक्षण के दौरान सहायक विकास अधिकारी कन्हैया लाल तावड़ा की टेबल पर एक महीने से भी ज्यादा की पेंडेंसी देखकर उखड़ गए.
Bhilwara News:जहाजपुर जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत ने आज तहसील एवं पंचायत समिति कार्यालय का निरीक्षण किया.निरीक्षण करते हुए सभी कार्मिकों को पेंडेंसी कार्य नहीं रखने एवं ऑफिस के कार्य समय पर पूरा करने के दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि सरकार के 100 दिवसीय कार्य-योजना अनुरूप कार्य नहीं करने पर संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई कि जाएगी.
जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा पंचायत समिति कार्यालय के निरीक्षण के दौरान सहायक विकास अधिकारी कन्हैया लाल तावड़ा की टेबल पर एक महीने से भी ज्यादा की पेंडेंसी देखकर उखड़ गए और सभी फाइलों की कॉपी लेकर सहायक विकास अधिकारी को चार्टशीट देने का आदेश दिया.
इस दौरान कार्यवाहक तहसीलदार सत्यनारायण आचार्य, विकास अधिकारी पुरुषोत्तम लाल शर्मा मौजूद थे.रावतखेड़ा ग्राम पंचायत के लोगों ने सरपंच पुत्र एवं ग्राम विकास अधिकारी पर पंचायत के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन में बताया गया कि ग्राम पंचायत रावतखेडा के ग्राम विकास अधिकारी व सरपंच पुत्र मिलकर ग्राम पंचायत में अत्यधिक भ्रष्टाचार कर रहे है. ग्राम पंचायत में वर्ष 2023-24 हेतु टेण्डर नही खोला गया. फिर भी सरपंच पुत्र व ग्राम विकास अधिकारी मिलकर मनचाही फर्म के बिल लगाकर राजकीय राशि का गबन कर रहे है.
साथ ही किचड निस्तारण, ग्रेवल मिठाई टेन्ट आदि के नाम पर लाखों रुपयो का गबन किया गया है. जिसकी जांच कर सम्बन्धित के खिलाफ कार्यवाही की जाएं. साथ ही ग्राम विकास अधिकारी बन्नालाल रेगर का दिनांक 23 जनवरी को ही स्थानान्तरण होने के बाद भी लाखों रुपयो का फर्जी बिलों का भुगतान किया है और लोगो से रुपये लेकर पट्टे जारी किए जिन पर सरपंच की जगह सरपंच पुत्र के हस्ताक्षर किए गए है.
पुर्व में भी सरपंच पुत्र द्वारा जल जीवन मिशन योजना में हर घर नल कनेक्शन के नाम पर रसीदे काटकर पंचायत खाते मे जमा न करवाकर गबन किया. जिसकी पूर्व में जिला कलेक्टर को की गई शिकायत की जांच विकास अधिकारी द्वारा की गई.
जांच में लगभग 698900 रु का गबन किया जाना सामने आया था किन्तु राजनैतिक दबाव के चलते आगे कार्यवाही नही की गई. इसकी भी जांच की जाएं.
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