PM Modi Devnarayan Bhagwan: गुर्जर समुदाय के आराध्य श्री देवनारायण के 1111 वें अवतरण दिवस पर भगवान के दर्शन करने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर के दान पात्र में एक बंद लिफाफा भेंट किया, जिसको लेकर पिछले 8 महीनों से गुर्जर समुदाय में व्याकुलता बनी हुई थी और आम जनमानस में इस लिफाफे के रहस्य को लेकर यह कयास लगाया जा रहा था कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में गुर्जरों के आराध्य भगवान देवनारायण के प्रति अपनी श्रद्धा और आस्था प्रकट की. उस लिहाज से प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दान पत्र में डाले गए, लिफाफे में कोई बड़ी राशि या मंदिर के विकास को लेकर कोई बड़े सहयोग का प्लान पीएम मोदी की तरफ से हो सकता है,


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इसी आशा और विश्वास में गुर्जर समुदाय दान पात्र खोलने की तिथि का बेसब्री से इंतजार कर रहा था, बड़े इंतजार और अरमानों से वह घड़ी आज 25 सितंबर को आई जब मंदिर ट्रस्ट से जुड़े हुए ट्रस्टियों ने बड़े उत्साह से आज दान पत्र के इस लिफाफे को सार्वजनिक रूप से खोला तो उसमें मात्र 21/-रुपए निकाले. लिफाफा के भीतर से जब 20/-रुपए का एक नोट और एक रुपए का एक सिक्का निकला तो किसी शायर की वह पंक्तियां याद आ गई जिसमें कहा गया है " बहुत शोर सुनते थे पहलू ए दिल का... जो चीरा तो कतरा ए खून निकला"


प्रधानमंत्री के लिफाफे से निकले 21 रुपए के दान के रहस्य को अभी तक कोई समझ नहीं पा रहा है कि देश के सबसे बड़े शक्तिशाली राजनेता और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा को लेकर जहां करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा दिए गए और मोदी को सुनने के लिए भीलवाड़ा ही नहीं देशभर से गुर्जर समुदाय के लाखों लोग जमा हुए तो भी मोदी ने देव डूंगरी कॉरिडोर की घोषणा क्यों नहीं की और लिफाफे में मात्र 21/-रु. रखकर क्या संदेश दिया गया , इसलिए अब दिल मसोस कर आयोजक यही कह रहे हैं कि "खोदा पहाड़ निकली चुहिया" हम क्या करें.


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