कोटड़ीः भगवान 18 घंटे भक्तों के कंधे पर सवारी कर पहुंचे निजधाम, मेले के सम्पन्न होने पर दी बधाई
मेवाड़ का एतिहासिक धार्मिक स्थान भगवान श्रीचारभुजानाथ का 11 दिवसीय मेला बुधवार को 18 घण्टे भक्तों के कंधों पर सवारी कर सुबह 9.15 बजे निजधाम पर पंहुच अपनी गद्दी पर विराजमान होने के साथ ही मेला धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ.
कोटड़ी: मेवाड़ का एतिहासिक धार्मिक स्थान भगवान श्रीचारभुजानाथ का 11 दिवसीय मेला बुधवार को 18 घण्टे भक्तों के कंधों पर सवारी कर सुबह 9.15 बजे निजधाम पर पंहुच अपनी गद्दी पर विराजमान होने के साथ ही मेला धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ. कोटड़ी श्याम मंगलवार को दोपहर 3 बजे जलझूलन को निकले शाम 7 बजे धर्माऊ तालाब के घाट पर डुबकी लगाने के बाद रातभर भक्तों के कंधो पर सवार हो सुबह बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति के बीच निजधाम पंहुचे. भगवान के कस्बे में भ्रमण के दौरान श्रद्धालुओं ने आरती उतार कर प्रसाद चढ़ाते हुए लाड लडाया. जैसे ही भगवान श्री चारभुजानाथ ने सिंहासन संभाल श्रृंगार के बाद पर्दा हटा तो भक्तों ने खुशी मनाते हुए श्रीचारभुजानाथ के जयकारों से सारा मन्दिर परिसर गूंजा दिया. प्रभू की आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया. वहीं बैंड व ढ़ोल की थाप पर श्रद्धालू थिरकते रहे.
रातभरा कस्बे सहित दूर दराज से उपस्थित भक्तों ने बारी-बारी से रजत रेवाड़ी में विराजित भगवान के कंधा लगा कर आनन्द उठाया. वहीं, आसपास के गांवों से पंहुचे लोगों ने बाजार में आवश्यक सामग्री खरीददारी की. मेले में छोटी डोलर, चकरी, झूले से बालकों में खुशी नजर आई. प्रभू के निजधाम सकुशल विराजमान होने के साथ ही मन्दिर ट्रस्ट के द्वारा शान्तिपूर्ण मैला आयोजन करने का आभार जताते हुए अधिकारियों व कार्यकर्ताओं का अभिनन्दन किया.
वहीं, प्रशासन ने भी चेन की सांस ली. वहीं मन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुदर्शन गाड़ोदिया, सचिव श्याम सुन्दर चेचाणी, कोषाध्यक्ष जमनालाल सुथार, चम्पालाल तेली सहित सभी पदाधिकारियों, ग्राम पंचायत कोटड़ी के सरपंच कान्ता जमना लाल डीडवानिया सहित ट्रस्टी व अनेक संगठनों के पदाधिकारियों व मेला व्यवस्थापकों ने भी आपस में बधाई दी. मेला समाप्त होने के साथ ही श्रद्धालुओं के रवाना होते दिखाई दिए.
18 घण्टे तक गद्दी संभाल रहे प्रभू के पंहुचते ही सीट छोड़ी
भगवान श्रीचारभुजानाथ के मंगलवार को दोपहर 3 बजे जलझूलन के लिए रजत रेवाड़ी में विराजमान होने के लिए जैसे ही अपनी गद्दी छोड़ि तो सालगरामजी ने 18 घण्टे तक भगवान की सीट संभाली जिसके रातभर दर्शन करने के लिए श्रद्धालु रजत बेवाण में विराजित भगवन श्रीचारभुजानाथ की निज मूर्ति के साथ ही सीट संभालने वाले प्रभू के भी दर्शन किए.
मंदिर की सीट संभालने के दौरान भी श्रद्धालुओं ने निज मूर्ति के समान श्रृंगार से आश्चर्य चकित हो गए. साथ ही बुधवार सवेरे 9.15 बजे जैसे ही भगवान निज मन्दिर में प्रवेश किया तो उनके लिएउ सालगराम ने फिर गद्दी को छोड़ दिया. 18 घण्टे तक भगवान कस्बे के गली मोहल्ले में पंहुच कर भक्तों को दर्शन दे रहे थे वहीं मन्दिर की सीट पर सालगरामजी ने मन्दिर में पंहुचने वाले भक्तों को दर्शन दिए.
Reporter- Mohammad Khan
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