Sri Ganganagar: श्रीगंगानगर के स्कूली कक्षाओं में पढ़ने के बाद छात्र अगली कक्षा में चले जाते हैं, तो अपनी किताबों को रद्दी मानकर उनको बेच देते है. यही किताबें किसी जरुरतमंद परिवार के बच्चों के लिए कितनी काम आती है, उसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता. श्रीगंगानगर में एक ऐसा बुक बैंक है जहाँ जरुरतमंद परिवार के बच्चों को नि:शुल्क किताबे दी जाती हैं और जब वे अपनी पढाई पूरी करते हैं तो किताबे वापिस कर देते हैं.


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श्रीगंगानगर के सुखाड़िया सिर्कल पर स्तिथ श्री सरस्वती बुक बैंक ने शहर में ऐसी मुहिम छेड़ी कि लोग उनसे जुड़ने लगे है. शिक्षा दान महादान की मूल धारणा से प्रेरित होकर कई शिक्षकों ने भी एक से दूसरी कक्षा में जाने वाले विद्यार्थियों से संपर्क कर रद्दी हो चुकी किताबों को इस बुक बैंक में जमा करवाया जा रहा हैं. बुक बैंक के संचालक शरद जसूजा का कहना है कि जरुरतमंद परिवार के बच्चों को बाजार से नई किताबें खरीद कर लाना अधिक चुनौती है, कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की किताबें काफी महंगी है, ऐसे में इन किताबो को एक साल बाद इस्तेमाल करने के बाद इनका सदुपयोग करने के लिए उनके बुक बैंक में जमा कराई जाती है. इसके उपरांत उन जरुरतमंद परिवार के बच्चों को फ्री दी जाती है, जो बाजार से ऐसी किताबें खरीद लाने में असमर्थ है.


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शरद जसूजा, बुक बैंक संचालक
इस बुक बैंक ने विभिन्न संगठनों, सोशल मीडिया, स्कूलों, शिक्षकों, अभिभावकों, छात्रों, छात्र संगठनों, व्यापारियों, सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं आदि से एक संदेश भी भिजवाया है. बुक बैंक संचालक जसूजा कहते है लोग अपने जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ, टीचर्स डे आदि की खुशियां केक काटकर या होटल में पार्टी मनाने या महंगे गिफ्ट की बजाय जरुरतमंद परिवार के बच्चों को पाठ्य पुस्तकें दान कर सांझा कर सकते है. इस संदेश का असर अब दिखने लगा है, कई लोगों ने अब अपने परिवारिक सदस्यों के जन्मदिन के उपलक्ष में एक छात्र या छात्रा के काम आने वाली किताबों, पाठय सामग्री खरीदकर देने का सिलसिला बना लिया है.


कई बार सिलेबस बदलने से संबंधित कक्षा में पुरानी किताबें कोई काम नहीं आती, ऐसे में वहां नई किताबे बाजार से खरीदनी पड़ती है. इसके लिए चुनिंदा डोनर के माध्यम से यह खरीददारी होती है, इसके उपरांत तत्काल संबंधित जरुरतमंद परिवार के बच्चों को बांटी जाती है. किताबें लेने वाले बच्चे या अभिभावक का नाम गुप्त रखा जाता है ताकि समाज में वह समान दृष्टि से दिखे. उधर बुक बैंक में आये बच्चों का कहना है कि वे यहाँ आकर पढाई करते हैं और किताबे ले जाते हैं ख़ास बात यह है कि यहाँ छोटी कक्षा से लेकर कम्पीटीशन तक की किताबे उपब्लध हैं.


Reporter: Kuldeep Goyal