Bikaner News: खाजूवाला के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पिछले लंबे समय व्यवस्थाएं चरमराई हुई है. चिकित्सालय में महिला रोग विशेषज्ञ नहीं होने के कारण कई बार महिला मरीज की जान संकट में आ जाती है.सोनोलॉजिस्ट नहीं होने के कारण सोनोग्राफी मशीन भी बंद पड़ी है.इन सुविधाओं को उपलब्ध करवाने को लेकर कई बार जिले में बैठे उच्च अधिकारियों व नेताओं को अवगत करवाया गया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मशीन धूल चाट रही 
इसके बावजूद व्यवस्था सुचारू नहीं होने के चलते क्षेत्र के लोगों को उपचार के लिए 120 किलोमीटर दूर बीकानेर जाना पड़ता है. तब तक कई मरीज अपनी जान से हाथ धो बैठेते हैं. महिला रोग विशेषज्ञ नहीं होने से क्षेत्र की महिलाओं को काफी परेशानी की समस्याएं भी होती है. खाजूवाला चिकित्सालय में लंबे समय से महिलाओं के स्वास्थ्य एवं रोग निदान हेतु कोई महिला चिकित्सक नहीं है महिलाओं के रोग निदान में उपचार के लिए सोनोग्राफी मशीन तो है लेकिन सोनोलॉजिस्ट नहीं होने के कारण मशीन धूल चाट रही है.


महिलाओं को मजबूरन बीकानेर जाना पड़ता
 विशेषकर गर्भावस्था में प्रसव काल के समय महिला रोग विशेषज्ञ नहीं होने व सोनोग्राफी मशीन चालू नहीं होने से क्षेत्र की महिलाओं को मजबूरन आपात स्थिति में बीकानेर जाना पड़ता है. इस समय खाजूवाला सीएचसी की ओपीडी 700 के करीब है बीकानेर जिले में लगभग ओपीडी के मामले में खाजूवाला दूसरे नंबर पर है. भाजपा मंडल के उपाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह एडवोकेट ने खाजूवाला विधायक डॉ विश्वनाथ मेघवाल को इस संदर्भ में अवगत करवाते हुए स्त्री रोग विशेषज्ञ तुरंत प्रभाव से लगवाने व खाली पड़े पदो को भरने की जरूरत बताई.



स्टाफ की कमी
चिकित्सा प्रभारी डॉ अमरचंद बुनकर का कहना है की खाजूवाला सीएचसी में मरीजों को देखते हुए स्टाफ कम है. एएनएम के पद भी रिक्त है. जीएनएम के चार पद रिक्त हैं. नर्सिंग ग्रेड प्रथम के तीन पद रिक्त है. मरीजो का लोड ज्यादा है. 70 के करीब आईपीडी होती हैं. दो स्टाफ द्वारा उनको मैनेज करना भी काफी मुश्किल होता है. रिक्त पदों के बारे में खाजूवाला विधायक को भी अवगत करवाया है.


यह भी पढ़ें:'दौड़ेगा राजस्थान, जीतेगा राजस्थान',15 वीं एयू जयपुर मैराथन का हुआ आयोजन