Bikaner News: पश्चिमी राजस्थान के रेतीले धोरों में किसानों ने नवाचार करते हुए किन्नू की फसल का उत्पादन शुरू किया. शुरुआती दौर में आसा के अनुरूप फसल होने से किसानों में और भी उत्साह बढ़ गया था, लेकिन पिछले 2 साल से मौसम की मार के कारण किन्नू की फसल लगातार चौपट होती जा रही है, जिससे किसानों की चिंता और भी अधिक बढ़ गई है. सीमावर्ती क्षेत्र खाजूवाला में किन्नू की बागवानी को पिछले दो सालों से क्लाइमेट अनुकूल नहीं होने के कारण किसानों को नुकसान झेलना पड़ रहा है.


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खाजूवाला के 12KJD में 2007 से लगातार किन्नू की खेती करने वाले किसान आनंद भादु बताते हैं कि उन्होंने ने 12KJD खाजूवाला स्थित अपने खेत में 2007 में 12 बीघा भूमि पर किन्नू का बाग लगाया था और चार साल बाद किन्नू का उत्पादन भी अच्छा शुरु हो गया था, उसके बाद किसान ने कुछ और इंवेस्टमेंट कर खेत में ही ग्रेडिंग और वैक्सिंग प्लांट लगाकर किन्नू को खाजूवाला की मंड़ी के साथ-साथ बीकानेर, जोधपुर भेजते थे और भाव भी अच्छे मिलते थे. 


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ऐसे में किसान आनंद भादु को सालाना 12 से 15 लाख रुपये का मुनाफा हो जाता था, लेकिन पिछले दो साल से खाजूवाला क्षेत्र में क्लाइमेंट किन्नू की फसल के अनुकूल नहीं होने के कारण किन्नू का उत्पादन बहुत कम होने लग गया हैं, जिससे किसानों को लाखों रुपयों का नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसलिए किसानों ने राज्य सरकार से फसल खराब होने पर उचित मुआवजा देने की मांग की हैं.


Reporter: Tribhuvan Ranga


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