Rajasthan News: राजस्थान में इन दिनों भारतीय सेना का शक्ति प्रदर्शन जारी है. एशिया का सबसे बड़ा फील्ड फायरिंग रेंज इन दिनों तोप ओर टैंक की गर्जन से थर्रा रहा है. भारतीय सेना पिछले कई दिनों से अपने युद्ध कौशल का परिचय देते हुए दुश्मन के ठिकानों को नस्तेनाबूत करती हुई दिखाई दे रही है. 


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जहां देश की सेना के महत्वपूर्ण अंग माने जाने वाले युद्धक तोपों का इस्तेमाल करते हुए सेना के जवान अपना दमखम दिखा रहे हैं, इन दिनों भारत-पाकिस्तान से महज़ 100 किलोमीटर दूर महाजन के फील्ड फायरिंग रेंज तोपों और आधुनिक हथियारों का गवाह बना. 


 



जहां भारतीय सेना की अर्टिलरी तोपें रण कौशल में ऐसे गरज रही हैं, मानो इसे देख पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और चीन के होश उड़ जाएंगे, तो वहीं देश के लोगों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा. जहां इस युद्ध अभ्यास में उन आधुनिक हथियारों को शामिल किया गया जिनकी तैनाती एलओसी और एलएसी पर दुश्मन का मुकाबला करने के लिए तैनात है. महाजन के फायरिंग रेंज में इनका पराक्रम देख आप भी सेना के शौर्य को सलाम करेंगे.


 



भारत और अमेरिका के बीच बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में युद्धाभ्यास चल रहा है, यूं तो पहले भी कई बार सेना की तोपें, टैंक ओर बंदूकें गरज चुकी हैं, लेकिन भारत और अमेरिका के बीच पिछले कई दिनों से यहां चल रहा युद्धाभ्यास कई मायनों में खास है. 


 



ये इसलिए खास होता है कि यहां ना केवल सेना के जवान अपनी युद्ध कला को निखार रहे हैं, बल्कि आतंकवादी ठिकानों जैसे क्षेत्र वाले माहौल में कई बख्तरबंद वाहनों, तोपों और सैनिकों को उच्च स्तरीय ऑपरेशन करते देखा गया. जोश, साहस से लबरेज ये जवान आधुनिक हथियारों से यहां युद्धाभ्यास कर सामूहिक ताकत को दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. 


 



दिन के साथ खराब रोशनी के साथ मौसम के हर मशकलात में भी यह अभ्यास कर दुश्मन को अपनी ताकत से वाकिफ कराया गया, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि यदि दुश्मन ने हिन्दुस्तान की सीमा की ओर आंख उठाकर भी देखने की कोशिश की तो किस तरह हमारे जाबांज उसकी आंख ही निकाल लेने की ताकत रखते हैं. 


 



इस ट्रेनिंग सेशन में सेना की उस क्षमताओं को परखा गया, जिसमें सेना की मदद से पहले हमला करने और फिर निरंतरता बनाए रखने की अत्यंत आक्रामक कौशल शामिल हैं. इसमें सेना के जवानों का खास बेड़ा भी शामिल है, ताकि जरूरत पड़ने पर सेना के तीनों अंगों के सैनिक साथ मिलकर अपने ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकें. 


 



इसके लिए ऑपेरेशन को अंजाम देने के लिए एक युद्ध का मैदान बनाया गया और उस मैदान में दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त करते हुए अपनी युद्ध नीति का परिचय भारतीय सेना और उसके जाबाज़ कमांडो की टुकड़ियां देती हुई नज़र आई. भारतीय सेना द्वारा महाजन के फील्ड फायरिंग में चलाए गए.


 



जोईंट ऑपरेशन ने ये साफ कर दिया कि दुश्मन सावधान रहें जहां भारतीय सेना हर परिस्थिति में देश की रक्षा में तैनात हैं और ऐसा ही संदेश सेना के जवानों ने जंग के मैदान से दिया है. रेत के समंदर में तपती रेत पर चल रहे इस अभ्यास ने ना केवल सेना के जवानों की युद्ध कौशल को निखारा है, बल्कि शक्ति का प्रदर्शन भी किया है.