Vasundhara Raje on Budget : पूर्व मुख्यमन्त्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जो बजट प्रस्तुत किया है, उसमें लोकनीति का अभाव और राजनीति का प्रभाव है. राजे ने कहा कि इसमें विकास का विजन नहीं, बल्कि चुनाव का सीजन दिखाई देता है. राजे ने कहा कि चुनाव के रंग से सना यह बजट आम लोगों के लिए फ़ीका ही है.


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उन्होंने कहा है कि कांग्रेस अपने जन्म से ही लोगों को झूँठे सपने दिखाती आ रही है. बजट में युवाओं को भ्रमित करने का प्रयास किया गया है. उन किसानों को कृषि बजट के नाम से छलने की कोशिश की गई है, जिन किसानों के मन में 2 लाख तक का क़र्ज़ा माफ़ करने का वादा पूरा नहीं करने की कसक है. बजट में सिर्फ़ युवाओं और किसानों को ही नहीं, महिलाओं सहित हर वर्ग को मृग मरीचिका दिखाने की कोशिश है.


राजे ने कहा कि पिछले बजट की 1029 घोषणाओं में से 350 ही ज़मीन पर आई है. ऐसे में इस बजट की घोषणाओं का भी वही हश्र होने वाला है जो अबसे पहले की घोषणाओं का हुआ. साथ ही 2019 में जो क़र्ज़ राजस्थान के हर व्यक्ति पर 36 हज़ार 782 था, वह इस सरकार के कार्यकाल में 86 हज़ार 439 हो जायेगा. राजस्थान के पहले बजट से लेकर मार्च 2019 तक प्रदेश पर कुल क़र्ज़ा 3 लाख करोड़ था, जो इस सरकार के कार्यकाल में बढ़ कर 7 लाख करोड़ से ज्यादा हो जायेगा. राजे ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य को कंगाली के कगार पर खड़ा कर दिया है.


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