श्री चारभुजा नाथ मंदिर में होली पर भक्तों का उमड़ा सैलाब, भगवान के साथ गुलाल की खेली गई होली
फाग उत्सव की धूम के साथ 15 दिन से चल रही आराध्य देव भगवान श्री चारभुजा नाथ के मंदिर में आज सैकड़ों भक्तों ने होली के रंग में रंग कर होलिका दहन की शुभकामनाएं दी.
बूंदी: फाग उत्सव की धूम के साथ 15 दिन से चल रही आराध्य देव भगवान श्री चारभुजा नाथ के मंदिर में आज सैकड़ों भक्तों ने होली के रंग में रंग कर होलिका दहन की शुभकामनाएं दी. छोटी काशी के नाम से विख्यात होली के पावन पर्व पर श्रद्धा एवं उल्लास के साथ बूंदी शहर के आराध्य देव श्री चारभुजा भगवान के मंदिर में श्रद्धालुओं ने होली के रंग में रंग कर भगवान के संग रंग गुलाल की होली खेली.
मंगला आरती के बाद भगवान श्री चारभुजा नाथ की आरती की गई उसके बाद फूलों वह रंगों से होली खेली गई इस अवसर पर मंदिर में सजे मंच पर होली के रसिया के गीत गुनगुनाए गए जिस पर भक्तों ने जमकर उल्लास के साथ होली की मस्ती की.
15 दिनों तक चलता है होली का कार्यक्रम
भगवान श्री चारभुजा नाथ के फाग महीने में उत्सव के साथ ही 15 दिन से होली के कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं. प्रतिदिन मंगला आरती के बाद भगवान के रंग लगाया जाता है और प्रसाद वितरण किया जाता है इस पर शहर के अलग-अलग जगह से भक्तगण यहां पहुंचते हैं. पिछले 2 साल से कोरोना के चलते मंदिर में सन्नाटा था, जिसके चलते कुछ लोग ही मात्र औपचारिकता पूरी कर रहे थे पहली बार सैकड़ों की संख्या में भक्तगण भगवान श्री चारभुजा के मंदिर पहुंचे जहां हर्ष और उल्लास के साथ होली का पर्व मनाया गया.
भगवान श्री चारभुजा समिति के लोगों द्वारा हर वर्ष होली के पावन पर्व पर यहां काफी तैयारियां की जाती है. सैकड़ों की संख्या में हर वर्ग के भक्तगण यहां भगवान के संग होली खेलने पहुंचते हैं. उसके बाद प्रसाद वितरण किया जाता है. आज समिति के अध्यक्ष पुरुषोत्तम पारीक राजपुरोहित रमेश चंद शर्मा अजय नुवाल दिनेश दाधीच छायाकार नारायण मंडोवरा, नयन बिल्या, आशु लाठी ,भानु जांगिड़ सहित भक्तो ने भगवान के भजन व होली के रसिया गीतों पर नाचते गाते रहे.
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सबसे पहले श्री रंगनाथ जी महाराज में मनाया जाता होलिका दहन
मान्यता के अनुसार, होली के दहन पर सर्वप्रथम भगवान श्री रंगनाथ जी महाराज के यहां होलिका दहन होता है उसके बाद चारभुजा मंदिर के बाहर होलिका दहन होने के साथ शहर के अन्य जगह होली का दहन होता है इस पर विशेष रूप से रंगोली भी सजाई जाती है जिसमें सभी धर्मों के लोग मौजूद रहते हैं.